नई दिल्ली, 208 मिलियन डॉलर (1350 करोड़ रुपये) एमब्रेयर विमान सौदे में दलाली की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने हाल में ही अमेरिका से कुछ अहम दस्तावेज हासिल किए हैं। अमेरिका का न्याय विभाग भी संदेह के घेरे में आई कंपनी द्वारा रिश्वत देने के आरोपों की जांच कर रहा है। सीबीआई के शीर्ष सूत्रों के हवाले से एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि हाल में ही एक टीम ने अमेरिका का दौरा कर एम्ब्रेयर डील से संबंधित दस्तावेज हासिल किए हैं जो भारत में साइन हुई इस डील के भ्रष्टाचार के आरोपों को साबित करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
सीबीआई ब्राजील की जांच एजेंसियों के संपर्क में भी है तांकि एयरोस्पेस समूह के बारे में जानकारी हासिल हो सके जिस पर बिचौलिये बिपिन खन्ना के द्वारा घूस की रकम देने का आरोप है। सीबीआई पहले ही इस बात का पता लगा चुकी है कि इस मामले में 5.70 मिलियन डॉलर की घूस दी गयी जिसके तार बिपिन खन्ना से जुडे हैं। ब्राजील के एक प्रमुख अखबार के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग 2010 से ही एम्ब्रेयर की जांच तब से कर रहा है। अखबार ने इस मामले में हुई अनियमिताओं का पिछले साल सितंबर में भी जिक्र किया था जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने इस मामले को सीबीआई के हवाले किया था।
अपनी एफआईआर में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2008 में तीन एयरक्राफ्ट के लिए एक कांट्रेक्ट के रूप में 5.70 मिलियन डॉलर का भुगतान किया गया था। इससे पहले भी खन्ना का नाम सीबीआई द्वारा की जा रही डिफेंस डील में आ चुका है। खन्ना का नाम दो कंपनियों के साथ जुड रहा है जिनमें ब्राजील की एम्ब्रेयर और सिंगापुर की इंटेरदेव प्रा. लिमिटेड है। आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए 20.8 करोड़ डॉलर के एम्ब्रेयर विमान सौदे में रिश्वत लिए जाने के आरोपों की जांच करने को कहा था। यह सौदा साल 2008 में ब्राजील के विमान निर्माता एम्ब्रेयर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच हुआ था।