नई दिल्ली, सियाचिन के जांबाज सैनिक लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ का अंतिम संस्कार शुक्रवार को कर्नाटक के धारवाड़ जिला स्थित उनके पैतृक गांव बेतादुर में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में शामिल होने को हजारों लोग शामिल हुए। हनुमंतप्पा को बंदूकों की सलामी दी गई। तीन दिन तक कोमा में रहने के बाद हनुमंथप्पा का कल दिल्ली के सेना अस्पताल में निधन हो गया था।
आज सुबह 10.30 बजे हनुमंथप्पा का पार्थिव शरीर धारवाड़ जिले के बेटादुर गांव में पहुंचेगा जहां जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। आपकों बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर से चमत्कारिक रूप से जीवित निकाले गए बहादुर सैनिक लांस नायक उनके शरीर के अंगों को 5-6 दिन से ब्लड सप्लाई नहीं मिली थी। मद्रास रेजिमेंट के 33 वर्षीय सैनिक के परिवार में उनकी पत्नी महादेवी अशोक बिलेबल और 18 महीने की एक बेटी नेत्रा कोप्पड हैं। सियाचिन के इस जांबाज सैनिक का अंतिम संस्कार शुक्रवार को धारवाड़ स्थित उनके पैतृक गांव में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। कर्नाटक के धारवाड़ के बेटादूर गांव के रहने वाले कोप्पड 13 वर्ष पहले सेना से जुड़े थे। लांसनायक हनुमंतप्पा को दिल्ली में बरार स्क्वायर पर श्रद्धांजलि दी गई।
इस बीच दिल्ली में बरार स्क्वायर पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, रक्षा राज्यीमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, नौसेना प्रमुख रॉबिन के धोवन, वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा, दिल्ली के मुख्यलमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्य्मंत्री मनीष सिसोदिया, कांग्रेस उपाध्यकक्ष राहुल गांधी समेत कई ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनकी मां और पत्नीो भी यहां मौजूद थीं।