लखनऊ, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तारीख नजदीक आते ही विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपना चुनाव अभियान तेज कर दिया है। प्रमुख दलों द्वारा इस चुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पृष्ठभूमि के रूप में देखा जा रहा है।
प्रदेश में 11 फरवरी को पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। सभी पार्टियों में यहां का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। शनिवार को प्रदेश में अलग-अलग जगह पर भाजपा, सपा-कांग्रेस गठबंधन, बीएसपी की रैलियां हुयी। वहीं शुक्रवार को भी इन पार्टियों ने ताबड़तोड़ रैलियां की थीं और एक-दूसरे पर जमकर तीर साधे थे।
उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में कांग्रेस-समता पार्टी गठबंधन, भाजपा और बीएसपी के बीच मुख्य मुकाबला है। उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इन चुनावों में एक बार फिर से भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दांव खेला है। शनिवार को भाजपा की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी की मेरठ में, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की बिसौली, एटा, फतेहाबाद और फतेहपुर सिकरी में और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मथुरा, हाथरस और फिरोजाबाद में रैलियां कीं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कानपुर में औरैय्या मे चुनाव प्रचार किया। इसके बाद उन्होने रसूलाबाद और अकबरपुर में रैलियां को सम्बोधित किया। बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती बरेली में आयोजित रैली को सम्बोधित किया। प्रदेश में होने वाली इन रैलियों के लिए जिला प्रशासन ने भी अपनी तरफ से पूरी कमर कर ली है।