नई दिल्ली, सेबी-सहारा विवाद में सहारा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने सहारा की एंबी वैली को जब्त करने के आदेश दिए हैं. एंबी वैली 39 हजार करोड़ की संपत्ति है. एंबी वैली कोर्ट के पास अटैच रहेगी. कोर्ट ने सहारा से उन संपत्तियों की लिस्ट मांगी जिन पर विवाद नहीं है ताकि उनकी नीलामी हो सके. 20 फरवरी तक यह लिस्ट देने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा है कि जब तक आप रुपये देते रहेंगे, हम आपको वापस जेल नहीं भेजेंगे.
इसके साथ ही सहारा की पैरोल आगे बढ़ाई गई. सहारा प्रमुख की ओर से सेबी को 600 करोड़ रुपये जमा कराए गए.
इस मामले में 27 फरवरी को अगली सुनवाई होगी. कोर्ट ने कहा कि पहले मूलधन को देखेंगे उसके बाद ब्याज की बात करेंगे. सेबी ने कोर्ट को बताया कि अभी सहारा की ओर से 14779 करोड़ रुपये बकाया हैं.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुब्रत राय को कोई भी रियायत देने से मना करते हुए कहा था कि अगर 6 फरवरी तक 600 करोड़ रुपए जमा नहीं कराए गए तो उन्हें दोबारा जेल भेज दिया जाएगा. 12 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एके सीकरी की नवगठित पीठ ने कहा था, कोर्ट आपको (सुब्रत राय) पहले ही बहुत ज्यादा मौका दे चुका है. यह बहुत अच्छी बात है. यदि आप यह राशि नहीं देते हैं, तो आपको वापस जेल जाना होगा. पिछली सुनवाई में नई पीठ ने सहारा प्रमुख राय के पैरोल की मियाद बार-बार बढ़ाए जाने की समीक्षा की और कहा कि उन्हें बहुत ज्यादा मौका दिया जा चुका है. कोर्ट ने कहा कि सहारा को मिले मौके किसी अन्य वादी को दिए गए अवसरों से ज्यादा है. पीठ ने बाजार नियामक सेबी के वकील अरविंद दत्तार से पूछा कि यदि सहारा प्रमुख ने यह पैसा नहीं दिया तो क्या होगा. दत्तार ने कहा कि यदि समूह यह राशि जमा कराने में असफल रहता है तो उसकी ऐसी 87 संपत्तियां हैं, जिन्हें कुर्क कर लिया जाएगा और उन पर रिसीवर बैठाकर उन्हें नीलाम कर दिया जाएगा. सहारा को निवेशकों के 24 हजार करोड़ रुपये वापस करने हैं.