चेन्नई, विपक्षी द्रमुक ने आज स्पीकर पी धनपाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तमिलनाडु विधानसभा के सचिव एएमपी जमालुद्दीन को एक पत्र लिखा है। द्रमुक के इस कदम से एक ही दिन पहले यानी कल पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि 18 फरवरी को हुए विश्वास मत की पृष्ठभूमि में उनका दल स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा। उस विश्वास मत में मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी 122-11 के अंतर से जीत गए थे।
स्टालिन ने यहां सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, हमने स्पीकर धनपाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा के सचिव को पत्र दिया है। उन्होंने कहा कि पत्र की एक प्रति स्पीकर के पास भी जमा करा दी गई है। उन्होंने कहा, सत्र के दौरान 18 फरवरी को स्पीकर ने परोक्ष उद्देश्यों के तहत काम किया। उन पर विश्वास न होने के कारण हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पत्र जमा कराया है। स्टालिन ने सोमवार को कहा था कि द्रमुक धनपाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी। स्टालिन ने आरोप लगाया था कि वह अपने समुदाय का नाम लेकर जानबूझकर विपक्ष की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। स्टालिन का यह बयान दरअसल धनपाल की ओर से शनिवार को विश्वास मत के बाद लगाए गए एक आरोप के जवाब में आया था। उस आरोप में धनपाल ने कहा था कि हंगामे के दौरान उन्हें द्रमुक द्वारा शायद इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह एक समुदाय विशेष से आते हैं। स्टालिन ने कहा था, जब हम देखते हैं कि स्पीकर हमारी छवि बिगाड़ने के लिए जानबूझकर अपने समुदाय का राग अलाप रहे हैं, तो यह बेहद दुखद लगता है। हमारे हिसाब से, तमिलनाडु के लिए यह शर्म का विषय है। उन्होंने कहा था, इसलिए हम (धनपाल के खिलाफ) एक अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे। इसके लिए हमारे 34 विधायकों के हस्ताक्षर काफी हैं और विधानसभा के नियम कहते हैं कि उस प्रस्ताव को 15 दिन के भीतर लिया जाना चाहिए। तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा में 89 विधायक द्रमुक के हैं। शनिवार को दिखे अव्यवस्थापूर्ण दृश्यों में द्रमुक के लोग शामिल थे। इसके बाद द्रमुक के सदस्यों को सामूहिक रूप से बाहर निकाला गया। पलानीस्वामी की सरकार एक भारी अंतर से विश्वासमत जीत गई थी।