वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मऊ की जनसभा में फिल्म ‘बाहुबली’ का जिक्र किया था, साथ ही इस फिल्म के एक अहम किरदार ‘कटप्पा’ के बारे मे भी बोला था. बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मुख्तार अंसारी को बाहुबली कहते हुए बताया था कि इस ‘बाहुबली’ के खात्मे के लिए उन्होंने अपना ‘कटप्पा’ मैदान में उतारा है. जबकि इस सीट से बीजेपी ने अपना कोई भी उम्मीदवार नही खड़ा किया है. फिर यह प्रश्न खड़ा होता है कि आखिर कौन है कटप्पा जो बाहुबली मुख्तार अंसारी को हरायेगा.
मुख्तार अंसारी जेल में हैं. वे पूरे चुनाव में नहीं आ सकते लिहाजा प्रचार की कमान उनके छोटे बेटे उमर अंसारी ने खुद संभाली है. पहले उमर और उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि मुख्तार को पेरोल मिल जाएगी, पर अब खुद ही सारा जोर लगा दिया. वास्तव मे, बीजेपी ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ अपना कोई भी उम्मीदवार नही खड़ा किया है क्योंकि यहां पर बीजेपी का राजभरों की पार्टी भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन हुआ है जिसके कारण, यहां पर भारतीय समाज पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा है. भासपा के जो प्रत्याशी चुनाव मैदान में है उनका नाम है महेंद्र राजभर. महेंद्र राजभर, 2012 के विधान सभा चुनाव में मुख्तार अंसारी के साथ थे और उन्होंने अपनी बिरादरी राजभरों के वोट दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन इस बार वह खुद मुख्तार अंसारी के सामने हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मऊ की जनसभा में फिल्म ‘बाहुबली’ के जिस कटप्पा का जिक्र किया था, वह महेंद्र राजभर है.
बीजेपी ने इलाके में असर रखने वाली जातियों के वोट बैंक में अपनी पैठ बनाई है. मुख्तार के मुकाबले में उसने राजभर समाज के उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जिनकी यहां अच्छी आबादी है. सपा और कांग्रेस का गठबंधन भी मुख्तार की जीत की राह का रोड़ा बन सकता है. इस रोड़े को ज़्यादा धार देते हुए प्रधानमंत्री ने यहां की जनसभा में ऐलान किया कि बाहुबली के खिलाफ हमने कटप्पा को उतारा है, जो बाहुबली को खत्म कर देगा.