नई दिल्ली, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इंटरसेप्टर 7.5 मीटर लंबा मजबूत रॉकेट है जो नौवहन प्रणाली, हाईटेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मैनिकल एक्टिवेटर की मदद से गाइडेड मिसाइल से संचालित होता है। एक स्वचालित अभियान के तहत रडार आधारित प्रणाली ने शत्रु की बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान की जाती है। इसके बाद रडार से मिले आंकड़ों की मदद से कंप्यूटर नेटवर्क आ रही बैलिस्टिक मिसाइल का रास्ता पता लगाता है। कंप्यूटर सिस्टम से जरूरी निर्देश मिलते ही इंटरसेप्टर को टार्गेट भेदने के लिए छोड़ दिया जाता है। पिछले वर्ष भी पूरी तरह से मल्टीलेवल बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम हासिल करने के प्रयास के तहत भारत ने स्वदेशी सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। उस वक्त इसी तरह के परीक्षण में इंटरसेप्टर के लिए पृथ्वी मिसाइल के नेवल एडिशन को टार्गेट के तौर पर स्थापित किया गया था। इस लक्ष्य को बंगाल की खाड़ी में खड़े पोत से छोड़ा गया था। इंटरसेप्टर एडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) मिसाइल ने लक्ष्य वाली मिसाइल को काफी उंचाई पर ही नष्ट कर दिया था।