कानपुर, ऑस्ट्रेलिया जैसी सशक्त टीम के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट में बेहतरीन गेंदबाजी का मुजाहिरा करने वाले युवा चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव के कोच कपिल पांडे खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। कुलदीप ने शनिवार को धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन चार विकेट चटकाकर मेहमान बल्लेबाजों को बैकफुट पर ला दिया। फिरकी गेंदबाज के कोच कपिल पांडे ने कहा, मैं कुलदीप की गेंदबाजी देखकर अभिभूत हूं। पदार्पण टेस्ट में कुलदीप ने शानदार गेंदबाजी कर खुद को साबित कर दिया है।
कोच कपिल ने कहा कि वेस्टइंडीज और बाद में बंगलादेश के खिलाफ टेस्ट टीम में चुने जाने के बावजूद उसे अंतिम एकादश में खेलने का मौका नहीं मिला। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज में उसे टीम में शामिल किया गया और आखिरी टेस्ट में उसे मैदान में अपने जौहर दिखाने का मौका मिला जिस पर वह पूरी तरह खरा उतरा। कपिल ने कहा, अच्छा होता कि वह अपने पहले टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट पूरे करता मगर अभी दूसरी पारी बाकी है और मुझे भरोसा है कि वह यह कारनामा कर दिखाएगा।
बल्लेबाजी के लिए मुफीद मानी जाने वाली पिच पर कुलदीप का प्रदर्शन देख कर मैं काफी संतोष महसूस कर रहा हूं। कुलदीप के कोच कपिल ने कहा कि कुलदीप का सपना पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वसीम अकरम के नक्शेकदम पर चलते हुये तूफानी गेंदबाज बनने का था। उन्होंने कहा मुझे पक्का भरोसा था कि कुलदीप एक ना एक दिन भारतीय टीम में जगह बनायेगा। 2004 में पिता राम सिह कुलदीप को मेरे पास लाये थे। दस साल का कुलदीप स्कूल क्रिकेट में तेज गेंदबाजी करता था।
कोच ने कहा, उसने मुझसे कहा कि मैं बड़ा होकर वसीम अकरम की तरह तेज गेंदबाज बनना चाहता हूं। मैंने उससे करीब एक हफ्ते तक तेज गेंद फिकवाई मगर तेज गेंदबाज के लिये जरूरी खूबियां नजर ना आने पर मैंने उससे धीमी गेंद फेंकने को कहा। कुछ दिनों तक ना नुकुर करने के बाद वह मान गया। जुझारूपन से लबरेज कुलदीप ने कड़ा अभ्यास किया और देखते ही देखते उसका चयन अंडर-14 टीम में हो गया। जाजमऊ में रोवर्स क्लब में क्रिकेट की शिक्षा ग्रहण करने वाले चाइनामैन गेंदबाज ने अंडर-15, अंडर-16 और अंडर-19 में बेहतरीन खेल का मुजाहिरा किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अंडर-19 विश्वकप में हैट्रिक लेने वाला कुलदीप देश का एकमात्र गेंदबाज है। आयरलैंड के खिलाफ मैच में उसने यह उपलब्धि हासिल की थी। पिछले रणजी सत्र में कुलदीप सबसे अधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज था। इससे पहले दलीप ट्राफी में उसने बेहतरीन लेफ्ट आर्म लेग ब्रेक गेंदबाजी की थी। जाजमऊ की जेके कालोनी में रहने वाले कुलदीप तीन बहनों के इकलौते भाई है। कुलदीप से बड़ी दो बहनें हैं जबकि एक छोटी है। ईंट भे के व्यवसायी राम सिह मूलतः कानपुर से सटे उन्नाव के रहने वाले है।
खेल के बेहद शौकीन राम सिह मशहूर क्रिकेटर बनना चाहते थे। मगर बाद में उन्हें यह सपना अपने बेटे में दिखने लगा और आज उनके बेटे ने भारतीय टीम में जगह बनाकर यह सपना पूरा कर दिया। केडीएमए स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले कुलदीप अपने दोस्तों के बीच हंसमुख स्वाभाव के कारण बेहद लोकप्रिय है। क्रिकेट से छुट्टी मिलते ही वह दोस्तों के बीच मौजमस्ती करने से अब भी नहीं चूकता।
कपिल के कोङ्क्षचग क्लब में क्रिकेट का ककहरा सीखने वालों में रेलवे के बल्लेबाज फैज अहमद के अलावा सत्यम दीक्षित,अमोल पांडे और शिवम दीक्षित ने घरेलू क्रिकेट में नाम कमाया है। बंगलादेश के खिलाफ अभ्यास मैच में कुलदीप ने पहली पारी में एक विकेट और दूसरी पारी में दो विकेट चटका कर चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। कुलदीप ने अब तक 22 प्रथम श्रेणी मैच खेल कर 33. 11 के औसत से 81 विकेट चटकाये हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में वह कोलकाता नाइटराइडर्स और मुंबई इंडियंस की ओर से खेल चुके हैं।