नई दिल्ली, राम मंदिर मामले में अहम सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आज जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द सुनवाई संभव नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए कोई अगली तारीख भी निर्धारित नहीं की है. आज सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने सुब्रह्मण्यम स्वामी से सीधे पूछा कि आप इस मामले में पार्टी नहीं हैं तो फिर आप अदालत के बीच में किस अधिकार से आ रहे हैं?
इससे पहले 21 मार्च को कोर्ट ने बीजेपी नेता और इस मामले में याचिकाकर्ता सुब्रह्मण्यम स्वामी से 31 मार्च को यह बताने के लिए कहा था कि दोनों पक्ष आपसी सहमति से मुद्दे सुलझाने को तैयार हैं या नहीं? चीफ़ जस्टिस ने कहा था कि अगर दोनों पक्षों को लगता है तो वो ख़ुद मध्यस्थता कराने के लिए तैयार हैं और अगर बातचीत से हल नहीं निकलता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार है.
अदालत से झटका लगने के बादस्वामी ने अपनी बात कहने के लिए सोशल मीडिया साइट टविटर का सहारा लिया. स्वामी ने इस मामले पर दो टवीट्स किए और कहा कि जो लोग अदालत में मामले को लटकाना चाह रहे थे उन्हें कामयाबी मिली है और वो राम मंदिर बनवाने के लिए दूसरे रास्ते अपनाएंगे.
अपने पहले टवीट में स्वामी ने लिखा-आज अदालत में जज ने मुझसे पूछा कि क्या मैं इस मामले में पार्टी हूं तो मैंने कहा कि पूजा करने के अपने मौलिक अधिकार के तहत यह कह रहा हूं.
Today the SC asked me if I was a party in the Ayodhya dispute. I said I had made clear that I was on Fundamental Right to worship issue
अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘जजों ने कहा कि उनके पास वक्त नहीं है और मामले को बंद कर दिया. दूसरे शब्दों में कहूं तो जो इस मामले को अदालत में लटकाना चाह रहे थे, सफल हुए. मैं दूसरे रास्ते अपनाउंगा.’
The judges said they have no time and adjourned the matter. In other words those who wanted delay succeeded. I will try another route soon