गर्मियों के आते ही हर उम्र के लोग परेशान हो जाते हैं। इन गर्मियों में जब हम बड़े लोगों को इतनी परेशानी होने लगती है तो छोटे बच्चों का हाल क्या होता होगा। जैसे जैसे गर्मियों में तापमान बढ़ता है वैसे ही छोटे बच्चों में बेचौनी बढ़ती है और वे बीमार होने लगते हैं। जिस वजह से शिशु को कई रोग लग सकते हैं। छोटे शिशुओं में रोग का पता नहीं चल पाता है जिस वजह से बच्चे के माता पिता दोनों परेशान होने लगते हैं। वैदिकवाटिका आपको बता रहा है कैसे नवजात से लेकर 3 वर्ष की आयु के बच्चों की देखभाल आपको करनी है।
- यदि शिशु 6 महीने का है तो उसे केवल मां स्तन पान कराए। और कोई अन्य भारी चीजें शिशु को न दें।
- गर्मी से बचाने के लिए शिशु को बाहर बिलकुल न लें जाएं। एैसे में घर कें अंदर कूलर व मध्यम एसी में ही शिशु को रहनें दे।
- यदि शिशु 6 महीने से अधिक का है तो आप उसे हर आधे घंटे में पानी पीलाते रहें।
- बच्चे को बोतल से दूध न दें। गर्मियों में बोतल चूसने से बच्चे को कई संक्रमण रोग लग सकते हैं। आप बोतल की जगह अपने हाथों से कटोरी और चम्मच के जरिए भी बच्चे को दूध पिला सकती हैं।
- बच्चे को समय समय पर डाक्टर की सलाह पर बताए गए टीके लगवाना न भूलें। ये तो हुए 3 माह के शिशु से लेकर 6 माह के बच्चो का गर्मियों में ख्याल कैसे रखने की बात । आइये अब आपको बताते है 3 वर्ष से बडे़ बच्चों का ख्याल उनके माता पिता कैसे रखें। 3 साल से बड़े बच्चे थोडा नटखट किस्म के होते हैं जिस काम को मना किया जाता है वे उन्हें सबसे पहले करते हैं। एैसे में बच्चों के माता पिता को बच्चे पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। ताकि वे गर्मी से होने वाले रोगों से बच सकें।
- बच्चे को गर्मी में बाहर जानें से रोके और यदि वह गर्मी से घर के अंदर आया है तो उसे ठंड़ा पानी पीने से रोकें।
- यदि घर पर एसी लगा हो तो बच्चे को बाहर गर्मी में खेलने से रोकें।
- शाम को जब भी किसी जरूरी काम से बच्चे को लेकर आप बाहर जाते हों तो बच्चे को हैट या छतरी जरूर दें। साथ ही पानी की बोतल को भी अपने पास रखें।
- खाने के लिए बच्चे को समय समय पर कुछ न कुछ देते रहें जैसे नींबू पानी, शरबत, लस्सी आदि इससे बच्चे में पानी की कमी नहीं होगी। और भूख भी बढ़ेगी।
- यदि बच्चे को बुखार, सुस्ती, दस्त, उल्टी या पेशाब कम होने का लक्षण दिखे तो तुरंत बिना देर किए डाक्टर को दिखाएं। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान हर माता-पिता को रखना चाहिए। बच्चे बेहद नाजुक किस्म के होते हैं, थोड़ी भी समस्या से वे परेशान हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है बच्चों का गर्मियों में उनकी सेहत के प्रति जागरूक रहना।