बेंगलुरू, इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा संस्करण से बाहर हो चुकी गत चैम्पियन सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाजी कोच मुथैया मुरलीधरन ने इलिमेटनर मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स के हाथों हार के लिए किस्मत को दोषी ठहराया है। मुरलीधरन ने कहा कि उनकी किस्मत अच्छी नहीं थी, इसलिए टीम आगे नहीं जा सकी। एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए मुकाबले में कोलकाता के गेंदबाजों ने हैदराबाद को महज 128 रनों पर रोक दिया।
छोटे लक्ष्य ने कोलकाता की उम्मीदें बढ़ा दी थीं, लेकिन पहली पारी खत्म होते-होते आई तेज बारिश ने कोलकाता को जीत हासिल करने मैदान पर उतरने के लिए तीन घंटे तक इंतजार करवाया। जब बारिश रुकी तो डकवर्थ लुइस नियम के तहत कोलकाता को छह ओवरों में 48 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला, जिसे कोलकाता ने चार गेंद शेष रहते हुए हासिल कर लिया। इस बीच सनराइजर्स मनाते रहे कि बारिश न रुके और मैच रद्द हो जाए, क्योंकि मैच रद्द होने की स्थिति में राउंड रॉबीन दौर के प्रदर्शन के आधार पर सनराइजर्स को क्वालिफायर-2 का टिकट मिलता।
इसी मैदान पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ राउंड रोबिन दौर में हैदराबाद का मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था और मैच नहीं हो सका था। अगर हम चैलेंजर्स के खिलाफ वो मैच खेले होते और जीत जाते तो हम पहले क्वालीफायर में मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेलते। यह किस्मत है। अगर अगले बीस मिनट और मैच नहीं होता तो हम दूसरे क्वालीफायर में पहुंच गए होते। यह सब किस्मत की बात है। यह खेल का हिस्सा है। कोलकाता के गेंदबाजों ने इस मैच में सनराइजर्स के बल्लेबाजों को शुरू से लेकर अंत तक बांधे रखा और रन नहीं बनाने दिए।
इस पर मुरलीधरन ने कहा, शॉट खेलने के लिए विकेट अच्छी नहीं थी। अगर हमने बड़े शॉट खेलने की कोशिश की होती तो हम 70-80 रनों पर आउट हो जाते। हम 140 के स्कोर तक जाने की सोच रहे थे लेकिन 10 रन कम रह गए। उन्होंने कहा, हम इस लक्ष्य को 20 ओवरों में बचाने के बारे में सोच रहे थे और ऐसी स्थिति में अगर हमने शुरुआत में ही दो-तीन विकेट ले लिए होते तो हम उन्हें परेशानी में डाल देते। हमने देखा है कि किस तरह टीमों ने 130-135 का लक्ष्य बचाया है। लेकिन यह हमरा दुर्भाग्य था। उन्होंने टॉस जीता इसलिए वह जीत के हकदार थे। मुरलीधरन से जब प्लेऑफ के लिए अतिरिक्त दिन की व्यवस्था के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हम सभी 20 ओवर खेलना चाहते थे। हमने बारिश की उम्मीद नहीं की थी।