अयोध्या, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होंने अस्थायी राम मंदिर में पूजा-अर्चना की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद भार संभालने के बाद वह पहली बार अयोध्या आए हैं। आदित्यनाथ का यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दिन पहले ही बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के शीर्ष नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने के आरोप तय किए गए हैं। मुख्यमंत्री आज सुबह यहां पहुंचे।
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राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर में स्थित अस्थायी मंदिर में वह करीब आधे घंटे तक रहे। बाद में उन्होंने सरयू नदी के तट पर पूजा की। आदित्यनाथ ने सबसे पहले अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की। उनके साथ धरम दास भी थे। मंगलवार को दास के खिलाफ भी आपराधिक साजिश रचने के आरोप तय हुए हैं। योगी के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किये गये हैं।
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सुबह फैजाबाद पहुंचने के बाद योगी सबसे पहले हनुमानगढ़ी गये क्योंकि ऐसी मान्यता है कि राम लला के दर्शन से पहले हनुमानगढ़ी में पूजा अर्चना करना आवश्यक है। अयोध्या में योगी से मिलने के लिए साधु-संतों का जमावड़ा रहा। योगी जिस मार्ग से गुजर रहे थे वहां लोगों की भारी भीड़ थी और लोग योगी-योगी के नारे लगा रहे थे। सड़कों पर हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता भी उल्लास मनाते देखे गये।
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विवादित ढांचा गिराये जाने के बाद यह दूसरा अवसर है जब उत्तर प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री राम लला के दर्शन कर रहा है इससे पहले सन 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने राम लला के दर्शन किये थे। इस बीच, सूत्रों का कहना है कि योगी अयोध्या से ही विधानसभा का उपचुनाव लड़ सकते हैं। अभी वह गोरखपुर के सांसद हैं और मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के भीतर उन्हें विधान मंडल के किसी सदन की सदस्यता हासिल करना जरूरी है।
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भाजपा साफ कर चुकी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे। हाल ही में योगी सरकार ने अयोध्या के विकास से संबंधित कई फैसले किये हैं। योगी का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दिन पहले ही मंगलवार को, लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत ने वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और नौ अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
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आडवाणी के अदालत पहुंचने से पहले आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस में उनसे मुलाकात की थी। गत 19 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल करने का आदेश दिया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने सभी छह को 50,000-50,000 रूपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। उनकी जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया था लेकिन न्यायाधीश ने विरोध को खारिज कर दिया था।
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आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल करते हुए शीर्ष अदालत ने विध्वंस से जुड़े दो मामलों को मिलाकर उनकी सुनवाई एक साथ करने का निर्देश दिया था। अदालत ने इस सुनवाई को दो वर्ष में पूरा करने का भी आदेश दिया है। मामले से संबंधित सीबीआई के आरोप पत्र में 21 लोगों के नाम हैं। उनमें से शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे, विहिप के आचार्य गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल, परमहंस राम चंद्र दास और महंत अवैद्यनाथ का निधन हो चुका है।
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