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समाज की मानसिकता को दिखाता है सीबीएफसी- एकता कपूर

मुंबई,  एकता कपूर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से मंजूरी लेने के दौरान विवादों से घिरी रही फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ लेकर आने को तैयार हैं। उनका कहना है कि उन्हें बोर्ड से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि बोर्ड समाज की मानसिकता ही दर्शाता है। रत्ना पाठक शाह और कोंकणा सेन शर्मा समेत कई कलाकारों से सजी यह फिल्म उस समय चर्चा में आ गई थी, जब सीबीएफसी ने इसके महिला आधारित होने पर आपत्ति जताई थी। फिल्म प्रमाणन अपीली अधिकरण ने सीबीएफसी को निर्देश दिया कि वह प्रकाश झा निर्मित फिल्म को ए प्रमाणपत्र दे।

एकता ने कहा, मुझे सीबीएफसी से कोई परेशानी नहीं है। मुझे समस्या पूरे समाज से है, जो इसी चीज के बारे में अपने एक अलग तरीके से बात करता है। इसलिए असल में सीबीएफसी समाज का ही आईना है। अगर हम इसे सीबीएफसी से जोड़ देते हैं तो असल में हम समस्या को कम करके आंकेंगे। यह कहीं अधिक बड़ा मुद्दा है। एकता ने कहा कि अगर आप किसी महिला से बात करें तो वह आपको हर दिन की कम से कम 5-10 घटनाएं बता देगी।

वह एक माह की ऐसी 5-10 घटनाएं गिनवा देगी, जहां उसे एक महिला होने के नाते खुद को अधिक मजबूती से साबित करना पड़ा हो। हाल ही में जारी फिल्म की पहली झलक में मिडल फिंगर के स्थान पर लिपस्टिक दिखाई गई है। फिल्म का निर्देशन अलंकृत श्रीवास्तव ने किया है। एकता ने कहा, यह उंगली, यह लिपस्टिक उस समाज के लिए है, जो हमें बाहर नहीं आने दे रही है और हमारी आवाज दबा रही है। यह सीबीएफसी के बारे में नहीं बल्कि एक विचारधारा के बारे में है। यह पुरूषों के बारे में भी नहीं है। उन्होंने कहा, मैं लिपस्टिक फॉर मेन नामक एक अभियान भी चलाना चाहती हूं। ऐसे बहुत से पुरूष हैं, जिन्होंने हमें वे महिलाएं बनाया, जो आज हम हैं।

ऐसे ही एक पुरूष मेरे पिता हैं। बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं, जो चाहती हैं कि बेटा पैदा हो और इसलिए अपनी बहुओं को गर्भपात करवाती हैं। इसलिए यह सिर्फ पुरूषों या महिलाओं के बारे में नहीं है बल्कि विचारधारा के बारे में है। यह पितृसत्ता के बारे में है। एकता ने ये बातें कल शाम ट्रेलर की लॉन्चिंग के अवसर पर कहीं। यह फिल्म 21 जुलाई को रिलीज होगी।