लखनऊ, बुलंदशहर में भाजपा नेता का चालान काटने वाली डीएसपी (यातायात) श्रेष्ठा सिंह के तबादले को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने कानून-व्यवस्था पर योगी सरकार के दोमुंहेपन का प्रमाण बताया है।
भाकपा माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने जारी एक बयान में कहा कि इससे पहले 20 अप्रैल को सहारनपुर के सड़क दुधली कांड में एसएसपी के घर पर भाजपा सांसद के नेतृत्व में हुए हमले में भी योगी सरकार का यही रवैया सामने आया था। सहारनपुर मामले में दोषियों को दंडित करना तो दूर, उल्टे भाजपा सांसद के खिलाफ एफआईआर लिखाने वाले एसएसपी का ही तबादला कर दिया गया।
पार्टी नेता ने कहा कि जब कानून हाथ में लेने वाले भाजपाइयों को योगी सरकार खुला संरक्षण दे रही है, तो ऐसे में प्रदेश की बिगड़ी कानून-व्यवस्था क्या खाक सुधरेगी! योगी सरकार दोहरी बातें करती है। उसके दावे खोखले और आंसू घड़ियाली हैं। यही कारण है कि सरकार के 100 दिन गुजरने के बाद भी कानून-व्यवस्था बद से बदतर हुई है।