दिल्ली के नामी अस्पताल ने, जिंदा नवजात को मृत बताकर सौंपा, जांच के आदेश
December 2, 2017
नयी दिल्ली, दिल्ली में एक स्तब्धकारी घटना में एक निजी अस्पताल ने जन्म होने के साथ ही जुड़वां बच्चों को मृत घोषित कर दिया और उनके शव पॉलीथीन के थैले में उनके अभिभावकों को सौंप दिए, लेकिन अंतिम संस्कार के लिए बच्चों को ले जाते समय अभिभावकों को महसूस हुआ कि उनका एक बच्चा जिंदा है।
पुलिस ने भादंसं की धारा 308 के तहत मुकदमा दर्ज किया है जो गैर इरादतन हत्या करने से जुड़ा हुआ है और इसमें सात वर्ष तक की सजा हो सकती है।दिल्ली सरकार ने ‘‘आपराधिक लापरवाही’’ की जांच के आदेश दे दिए हैं और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘‘कड़ी कार्रवाई’’ करने का वादा किया है। दिल्ली चिकित्सा परिषद् ने भी मामले का संज्ञान लिया है और इसकी जांच करने का निर्णय किया है। यह जानकारी डीएमसी के पंजीयक गिरिश त्यागी ने दी है।
बच्चों के पिता ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमने थैले को फाड़ा, दो-तीन कपड़े और पॉलीथीन का थैला था। बच्चा सांस ले रहा था। हम बच्चे को लेकर पीतमपुरा के एक नर्सिंग होम में गए।’’ पुलिस ने बताया कि बच्चों की मां को पश्चिम विहार के एक नर्सिंग होम से मैक्स अस्पताल लाया गया था।
महानगर के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘उक्त घटना के सिलसिले में जांच होगी और 72 घंटे के अंदर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी और एक हफ्ते के अंदर अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी।’’ घटना पर प्रतिक्रिया जताते हुए स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि उन्होंने दिल्ली सरकार को मामले में गौर करने और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस ने बयान जारी कर कहा, ‘‘कल हमें शालीमार बाग थाने में फोन आया। फोन करने वालों ने बताया कि आशीष की पत्नी वर्षा को समय पूर्व प्रसव की संभावना को देखते हुए पश्चिम विहार के एक नर्सिंग होम से मैक्स अस्पताल रेफर किया गया।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘उसे वहां 28 नवम्बर को भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने परिवार से कहा था कि वह गंभीर है और जुड़वां बच्चों के बचने की संभावना कम है क्योंकि महिला छह महीने की गर्भवती है।’’ पुलिस ने कहा कि वर्षा ने एक लड़के एवं एक लड़की को जन्म दिया था। परिवार को बाद में सूचित किया गया कि जन्म लेते ही बच्चों की मौत हो गई और परिवार को सौंप दिया गया।
मैक्स अस्पताल ने आज बयान जारी कर कहा, ‘‘हमारे ध्यान में लाया गया है कि एक नर्सिंग होम में जीवन रक्षक के सहारे समय पूर्व (22 हफ्ते) जन्मा एक बच्चा रखा गया है जिसे दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से मैक्स अस्पताल शालीमार बाग ने जीवन का संकेत नहीं देखते हुए सौंप दिया था।’’ इसने कहा, ‘‘यह लड़का उन जुड़वां बच्चों में से है जिसका जन्म 30 नवम्बर की सुबह हुआ था। दूसरा बच्चा मृत है। इस दुर्लभ घटना पर हम दुखी हैं और चिंतित हैं।’’ बयान में कहा गया है कि जांच शुरू कर दी गई है और जांच लंबित रहने तक संबंधित चिकित्सक को छुट्टी पर भेज दिया गया है। साथ ही अस्पताल ने कहा कि वे लगातार अभिभावकों के संपर्क में हैं और आवश्यक सहायता मुहैया करा रहे हैं।