यूपी के सरकारी विभाग में एक और करोड़ों का घोटाला,कई अफसरों पर गिरी गाज
September 5, 2018
लखनऊ,उत्तर प्रदेश सरकार में भले ही भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है, लेकिन विभाग और विभाग में काम कर रहीं बड़ी-बड़ी कंपनियां अफसरों के साथ घोटाले को अंजाम देने से बाज नहीं आ रही हैं. यूपी के सरकारी विभाग में करोड़ों घोटाला हुआ. मुख्यमंत्री के संज्ञान में आते ही विभाग के कई अफसरों पर बड़ी कार्यवाही कि जायेगी.
लोक निर्माण विभाग में 28 करोड़ के महाघोटाले को अंजाम देने वाले अफसरों पर विभागाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को निलंबन और विभागीय कार्रवाई की पत्रावली भेज दी है. मुख्यमंत्री दफ्तर ने कार्रवाई की संस्तुति भी कर दी है. इसके बाद अब घोटाला करने वाले मुख्य अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता तक सभी को निलंबित के साथ-साथ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी भी की गई. अब इस मामले में विभाग ने अधीक्षण अभियंता एसके आर्या, अधिशासी अभियंता ओपी वर्मा, राजकुमार राम समेत 6 अफसरों के खिलाफ निलंबन की संस्तुति करते हुए सीएम ऑफिस भेज दी है.
प्रदेश के महत्वपूर्ण लोक निर्माण विभाग में एक महा घोटाला सामने आया था, जिसमें एक फर्म ने फर्जी आठ करोड़ का एफडीआर बनवाकर 28 करोड़ का ठेका लिया और फिर बिना काम कराए 5 करोड़ों का एडवांस पेमेंट करा कर वह फरार भी हो गई. मामला सामने आने के बाद विभाग हड़कंप मच गया और आनन-फानन में फर्म के खिलाफ एफआईआर कराई गई. मामले के संज्ञान में आते ही दो अवर अभियंताओ को निलंबित भी कर दिया गया था.
लोक निर्माण विभाग के बरेली खंड में 28 करोड़ का टेंडर पाने के लिए एक कंपनी ने आवेदन किया था. इसके लिए लखनऊ के मर्चेंटाइल बैंक का आठ करोड़ का फर्जी एफडीआर बनवाया और टेंडर हथिया लिया. इतना ही नहीं विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार ने 5 करोड़ का अग्रिम भुगतान भी करा लिया और सड़क भी नहीं बनवाई. स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की थी जिसके बाद विभाग भी हरकत में आ गया और प्रमुख सचिव संजय अग्रवाल ने जांच के आदेश दे दिए थे. इससे पहले भी आगरा की यूएस कंस्ट्रक्शन कंपनी भी 22 करोड़ का घोटाला कर फरार हो गई थी और उसके खिलाफ शासन ने 8 जिलों में एफआईआर कराई थी.