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भारत में आया विदेश से ये खतरनाक वायरस…

नई दिल्ली,  विदेश से भारत पहुंचे एक वायरस ने कुछ राज्यों में कहर मचाना शुरू कर दिया है।  एम्स के डॉक्टरों का मानना है कि दिल्ली-एनसीआर का इलाका ज्यादा दिनों तक इस वायरस से सुरक्षित नहीं रहेगा। इसके साथ ही डॉक्टरों ने सलाह दी है कि मच्छरों से डरें, खतरनाक वायरस से नहीं।

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राजस्थान के जयपुर में जीका वायरससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।  जीका से संक्रमितों की तादाद बढ़कर 100 हो गई। ऐसे में स्थानीय प्रशासन और ज्यादा सतर्क हो गया है।  केंद्र ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक टीम वहां भेजी, ताकि रोग पर नियंत्रण के उपायों में तेजी लायी जा सके।

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राजस्थान के जयपुर में जीका वायरस के संक्रमण के मद्देनजर एहतियात के तौर पर एम्स दिल्ली में भी संभावित मरीजों में जीका की जांच की जा रही है। दिल्ली में अभी तक किसी मरीज में इस बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। डॉक्टर कहते हैं कि पर्यटकों के साथ यह बीमारी विदेश से देश में आई है। जीका के संक्रमण से अधिक दिन तक दिल्ली को बचाए रखना आसान नहीं होगा। फिर भी लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मच्छर से डरने की जरूरत है, जीका से नहीं।

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एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष विश्वास ने कहा कि जीका, डेंगू व चिकनगुनिया इन तीनों बीमारियों के संवाहक एडीज मच्छर ही होते हैं। इनमें डेंगू अधिक खतरनाक व जानलेवा बीमारी है। जीका नई बीमारी है। इसलिए लोग घबरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह डेंगू की तरह जानलेवा नहीं है। इसके अलावा जीका वायरस के संक्रमण से पीड़ित मरीजों को डेंगू की तरह बहुत तेज बुखार नहीं होता।

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डॉ. विश्वास ने कहा कि यह देखा गया है कि जीका से पीड़ित ज्यादातर मरीजों को हल्का बुखार (99 से 102 डिग्री फारेनहाइट) होता है। 10-15 फीसद लोगों को तेज बुखार (104 या 105 डिग्री तक) होता है, जबकि डेंगू से पीड़ित मरीजों को तेज बुखार होता है। डेंगू में जोड़ों में तेज दर्द, आंखों में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते निकल आते हैं। यह सब लक्षण जीका के संक्रमण में भी होते हैं पर उसका असर हल्का होता है।

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डेंगू की तरह जीका के मरीजों को शॉक सिंड्रोम या रक्तस्राव की आशंका नहीं रहती। इसलिए लोगों को जीका से डरने की जरूरत नहीं है। राजस्थान व दिल्ली के बीच कई लोगों का आवागमन होता है। दिल्ली में एडीज मच्छरों की उत्पत्ति भी अधिक है। इसलिए यहां जीका का संक्रमण फैलने की आशंका पूरी है। ऐसे में मच्छरों से बचने की जरूरत है।

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