सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को लेकर, सरकार ने स्पष्ट किया अपना रूख
October 22, 2018
लखनऊ, सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को लेकर सरकार ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि नई पेंशन स्कीम के अन्तर्गत सरकारी कर्मचारियों के हित पूर्णरूप से सुरक्षित हैं।
मुख्य सचिव योजना भवन में आयोजित वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कर्मचारी संगठनों द्वारा आगामी प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के सम्बन्ध में मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी कर्मचारी संगठनों से संवाद स्थापित कर नई पेंशन प्रणाली के सम्बन्ध में आयोजित भ्रान्तियां दूर करें।
उन्होंने कहा कि संगठनों के पदाधिकारियों को इस बात की जानकारी दी जाये कि नई पेंशन स्कीम के अन्तर्गत उनके हित पूर्णरूप से सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि संवाद से ही नई पेंशन स्कीम के सम्बन्ध में कर्मचारियों को स्थिति स्पष्ट करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना के अन्तर्गत जो कर्मचारी छूट गए हैं उनका परमानेन्ट रिटायरमेन्ट अकाउन्ट नम्बर तत्काल पंजीकृत कराया जाए। इस प्रयोजन हेतु कैम्प लगाकर आवश्यक कार्यवाही की जाए इसके अतिरिक्त कर्मचारियों को पंजीकरण के लिए आॅनलाइन पंजीकरण सुविधा की जानकारी भी प्रदान की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कर्मचारियों के आगामी प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के दौरान अनुपस्थित कार्मिकों के खिलाफ श्कार्य नहीं तो वेतन नहीं के अनुसार कार्यवाही होगी। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के दौरान कार्य पर आने वाले कर्मचारियों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यालय समय से खुले।
उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आम जन को इस दौरान नगरीय सुविधाओं के सा-.साथ परिवहन सुविधाएं भी अनवरत रूप से मिलती रहें।उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के दौरान सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए तथा कार्मिकों को यह स्पष्ट कर दिया जाए कि कार्य से अनुपस्थित कार्मिकों के बारे में श्कार्य नहीं तो वेतन नहीं के अनुसार कार्यवाही होगी।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रत्येक जिले में कन्ट्रोल रूम बनाकर स्थिति पर नजर रखी जाए तथा कर्मचारियों द्वारा प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के दौरान किसी भी कार्मिक को न तो अवकाश स्वीकृत किया जाए न ही उसे मुख्यालय छोड़ने की अनुमति प्रदान की जाए।