दस दिन जेल काटने के बाद निलंबित बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह रविवार सुबह मऊ जेल से जमानत पर रिहा हो गए. जेल से बाहर आते ही दयाशंकर सिंह ने कहा कि पहले बीमार पत्नी और बेटी को देखूंगा तब कोई राजनीतिक बात करूंगा.
शनिवार को जमानत का फैसला आते ही दयाशंकर के समर्थक मऊ जेल पर जुटने लगे थे, देर रात रिहाई नहीं हुई तो कई समर्थकों ने जेल के बाहर ही रात गुजार दी. रविवार सुबह करीब आठ बजे दयाशंकर मऊ जेल से बाहर निकले, जेल के बाहर दयाशंकर के समर्थकों ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.जेल से निकलने के बाद दयाशंकर सिंह सीधे मऊ के बन देवी मंदिर का रूख किया जहां दयाशंकर सिंह ने पूजा अर्चना की फिर सीधे लखनऊ के लिए निकले. रास्ते भर दयाशंकर सिंह का काफिला रुकता रहा. समर्थक जगह-जगह उनका स्वागत करते रहे.
जेल से बाहर आने पर दयाशंकर ने कहा कि इस प्रकरण से मेरी बेटी, मेरी बूढ़ी मां और पत्नी काफी आहत हैं. बेटी पर मानसिक तौर पर असर पड़ा है, पहले मैं बेटी से मिलना चाहता हूं उसे गले लगाना चाहता हूं उसके बाद ही बात करूंगा. उन्होने कहा कि अंदाजा नहीं था घटनाक्रम ऐसे बदलेगा और मैंने ऐसा कुछ कहा भी नहीं था. जिन लोगों ने मेरी बेटी के साथ पत्नी के साथ और मां के साथ हजरतगंज चौराहे पर गाली गलौच किया वो आज खुलेआम घूम रहे हैं. मैं चाहता हूं कि उनकी भी गिरफ्तारी हो.