गांधीनगर, कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि गुजरात की भाजपा सरकार अधिकारियों और मंत्रियों को दिये जाने वाले सरकारी फोन के एवज में निजी क्षेत्र की दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन को सामान्य से सात गुना मोबाइल सेवा शुल्क चुकाकर सरकारी तिजोरी में से लाखों रुपये का अपव्यय कर रही है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बिहार के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने गुजरात सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के एक आदेश की नकल मीडिया के समक्ष पेश कर दावा किया कि सरकार वोडाफोन को हर माह लाखों रुपये का ज्यादा बिल तिजोरी में से अदा कर रही है। केन्द्र सरकार की अपनी कम्पनी बीएसएनएल सिर्फ 666 रुपये में 129 दिनों के लिए अनलिमिटेड कॉल्स स्थानीय एवं नेशनल रोमिंग तथा 100 एसएमएस की मुफ्त की सेवा दे रहा है यानी मात्र 166 रुपये में बीएसएनएल फोन सेवा प्राप्त होती है जबकि वोडाफोन कम्पनी प्राइवेट ग्राहकों को 299 रुपये में अनलिमिटेड आउटगोइंग्स और इनकमिंग तथा स्थानीय एवं नेशनल रोमिंग फोनए 100 एसएमएस एवं 20 जीबी डेटा की सेवा दे रही हैए तो गुजरात सरकार को वोडाफोन कम्पनी 390 रुपये में सिर्फ 5 जीबी डेटा दे रही है।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि सरकार को 390 रुपये में मिलनेवाले डेटा से 5 गुना ज्यादा डेटा आम ग्राहक को मिलता है। सचिवों और मंत्रियों के डेटा प्लान के लिए गुजरात सरकार हर महीने 728 रुपये चुका रही है। सिर्फ सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा ही गुजरात सरकार के 2000 से ज्यादा फोन के बिल चुकाये जाते हैं। इसी आधार पर अन्य विभागों एवं जिला कार्यालय में भी वोडाफोन कम्पनी को बिल चुकाया जा रहा है। गोहिल ने कहा कि सरकार ने बीएसएनएल को छोड़ कर वोडाफोन जैसी निजी कंपनी की सेवाएं क्यों ले रही है। इसका फायदा किसने लिया है।अब तक उसे कितनी अधिक रकम अदा की गयी है और इसकी वसूली के लिए सरकार क्या कदम उठायेगी और इस मामले में क्या कार्रवाई होगी। सरकार फिर से बीएसएनएल की सेवाएं कब से लेगी।