बोस्टन, सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2030 तक करीब 9.8 करोड़ लोग टाइप 2 के मधुमेह या डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में मधुमेह से ग्रस्त वयस्कों की संख्या 20 प्रतिशत बढ़ सकती है।
लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रायनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पता चला कि टाइप 2 की डायबिटीज के प्रभावी उपचार के लिए जरूरी इंसुलिन की मात्रा अगले 12 साल में दुनियाभर में 20 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ जाएगी। अमेरिका में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इंसुलिन की पहुंच में अधिक सुधार नहीं होने के कारण यह टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त 7.9 करोड़ लोगों के करीब आधे लोगों की पहुंच से बाहर होगी जिन्हें 2030 में इसकी जरूरत होगी।
इस अध्ययन के निष्कर्षों में खासकर अफ्रीकी, एशियाई और समुद्री क्षेत्रों के लिए चिंता जताई गयी है। परिणाम बताते हैं कि दुनियाभर में टाइप 2 मधुमेह से ग्रस्त वयस्कों की संख्या में 2030 में 20 प्रतिशत से ज्यादा इजाफा हो सकता है। 2018 में यह संख्या 40.6 करोड़ है जो 2030 में 51.1 करोड़ पहुंच सकती है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इनमें से आधे केवल तीन देशों- चीन (13 करोड़), भारत (9.8 करोड़) और अमेरिका (3.2 करोड़) में होंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार 2015 में भारत में मधुमेह ग्रस्त लोगों की संख्या 6.92 करोड़ थी।