आपने कई बार लोगों को कहते सुना होगा, शादी के बाद तो तुम बिल्कुल बदल गई। कई बार यह बदलाव स्वाभाविक होता है, तो कई बार आपकी जिंदगी पर आपके जीवनसाथी के प्रभाव का असर। शादी के बाद जीवनशैली से लेकर पहनावा आदि में कुछ बदलाव होना तो सामान्य है। पर, सवाल यह है कि क्या बदलाव को सही या गलत के पैमाने पर मापा जा सकता है? किसी भी ऐसे बदलाव को बुरा नहीं माना जा सकता है, जिससे आपकी पर्सनैलिटी बेहतर होती है। पार्टनर अगर आपकी पर्सनैलिटी में कोई बदलाव ला रहा है तो उसमें कोई बुराई नहीं है। पर, यह बदलाव आदत में तब्दील नहीं होना चाहिए। अपने पार्टनर के हिसाब से खुद को बदलना तो ठीक है, पर ऐसा नहीं होना चाहिए कि आपकी पहचान ही पूरी तरह से बदल जाए।
रिश्ते में बदलना जरूरी है क्या?: आप अपने पाटर्नर के लिए कितना बदलें, यह पूरी तरह से आपके कंफर्ट लेवल पर निर्भर करता है। किसी भी रिश्ते की सफलता के लिए एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव होना जरूरी है। रिश्ता बराबरी का होता है, अपने पाटर्नर की जिदंगी को अपने नियमों के हिसाब से चलाने की कोशिश लंबे वक्त में फायदेमंद नहीं होती।
बदलाव के फायदे-नुकसान – अगर कोई महिला अपने प्रेमी के लिए खुद में बदलाव लाती है, तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और इससे रिश्ते को मजबूती मिलती है। – बेहतरी के लिए किया गया बदलाव किसी भी व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है। साथ ही अगर रिश्ते में दोनों में से कोई हीन भावना का शिकार है, तो वह भी दूर हो जाता है। इस बात की आशंका लगातार बनी रहती है कि रिश्ते में कोई एक ज्यादा हावी न हो जाए। कभी-कभी पाटर्नर एक-दूसरे को बदलाव का क्रेडिट देने से बचते हैं, इस वजह से मतभेद पैदा हो जाता है। कई मामलों में लोग अपने नए लुक को लेकर कुछ ज्यादा सतर्क हो जाते हैं और हमेशा पिक्चर परफेक्ट दिखना चाहते हैं।