इस लोकसभा क्षेत्र में, बंदरों का कहर बना बड़ा चुनावी मुद्दा
April 12, 2019
नई दिल्ली, आम चुनाव का प्रथम चरण समाप्त होने के साथ ही अब दूसरे चरण में जिन लोकसभा क्षेत्रों में दूसरे चरण में मतदान होना है उसमें मथुरा भी शामिल है, जहां बंदरों का कहर बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। भारतीय जनता पार्टी की मौजूदा सांसद एवं मथुरा से पार्टी उम्मीदवार हेमामालिनी जब गुरुवार को वृन्दावन के श्यामा कुटी, छोटी कुंज इलाके में रहने वाले संत-महात्माओं के बीच वोट मांगने पहुंची, तो लोगों ने उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया।
बंदरों के उपद्रव से परेशान मतदाताओं ने हेमा मालिनी से कहा, ‘‘हमने तो पिछली बार भी आपई ये बोट दई, और अबहुं दिंगे। लेकिन जे बताऔ इन बंदरन ते कैसे पार परै। जे तो हमारौ जीनो हराम करे परे हैं। कईयन की तौ जान तक लै चुके हैं, और सैकड़न ने बुरी तरह सौं घायल कर चुके हैं (हमने पिछली बार भी आपको ही वोट दिया था और इस बार भी देंगे। लेकिन ये बताएं कि इन बंदरों से कैसे पार पाएं। इन्होंने हमलोगों का जीना हराम कर दिया है कई की तो जान ले चुके हैं और सैकड़ों लोगों को बुरी तरह घायल कर चुके हैं)।’’
इसपर हेमामालिनी ने कहा, ‘‘अरे भई, ये भी कहां जाएंगे। इन्हें भी तो यहीं रहना है। मैंने तो इन्हें यहां से विस्थापित करने को पत्र भी लिखा था। लेकिन वन विभाग किसी की सुनता ही नहीं। वैसे भी, वृन्दावन में तो पहले वन ही था। तभी से बंदर यहां रहते आ रहे हैं। अब आबादी के कारण प्राकृतिक वातावरण समाप्त होता जा रहा है। ऐसे में ये कहां जाएं।’’
बंदरों द्वारा महिलाओं, बच्चों व बुजुर्ग व्यक्तियों पर हमले करने के सवाल पर उनका कहना था कि पहले ये ऐसा नहीं करते थे लेकिन देश-विदेश से आने वाले सैलानियों ने इन्हें समोसा और फ्रूटी जैसी चीजें देकर बिगाड़ दिया है। इनकी आदतें बदल गई हैं, जिसके कारण मनचाही चीजें न मिलने पर ये उग्र हो जाते हैं। इन्हें केवल फल देने चाहिए। वही इनका प्राकृतिक भोजन है।
इससे एक दिन पूर्व बुधवार को स्थानीय नागरिकों ने पूरे शहर में ढिंढोरा पिटवाकर रेतिया बाजार स्थित बड़ी कुंज में बाकायदा एक बैठक बुलाई और इस समस्या पर विचार-विमर्श किया, जिसमें नगर निगम क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में उनसे बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग पुरजोर तरीके से रखी।