जींद, लोकसभा चुनाव में हरियाणा में एक दुष्यंत चौटाला को छोड़कर जननायक जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। चुनाव से कुछ महीने पहले ही चौटाला परिवार में पड़ी फूट, जिसके कारण जजपा का जन्म हुआ, दोनों पार्टियों को भारी पड़ी है।
जजपा ने जहां आम आदमी पार्टी ;जजपाद्ध से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था वहीं कुछ ही समय पूर्व बहुजन समाज पार्टी ;बसपाद्ध के गठबंधन तोड़ने के कारण इनेलो ने अपने बूते पर चुनाव लड़ा था। पहली बार चुनाव में उतरे ओमप्रकाश चौटाला के पोते व अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला समेत इनेलो का कोई भी प्रत्याशी एक लाख वोटों के आंकड़े को भी नहीं छू पाया और न ही अपनी जमानत बचाने में सफल हो पाया। उधर दुष्यंतए जो तीन लाख मत पाकर हिसार लोकसभा सीट पर दूसरे नंबर पर रहेए को छोड़कर जजपा का कोई प्रत्याशी भी अपनी जमानत नहीं बचा सका। जजपा की सहयोगी आप के प्रत्याशियों की भी हालत खराब रही। चुनाव परिणामों के बाद ताऊ देवीलाल की विरासत पर दावा ठोंकने वाली दोनों पार्टियों की मुश्किलें बढ़ेंगी ही और बिखराव की आशंका होगी।
पिछले साल पारिवारिक विवाद के चलते ओम प्रकाश चौटाला ने सांसद पौत्र दुष्यंत चौटाला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जिसके बाद डॉ अजय चौटाला और दुष्यंत ने जजपा का गठन किया। इनेले का काफी कैडर दुष्यंत के साथ चला गया। परिवार में टूट के बाद कई विधायकों व दिग्गजों ने इनेलो को अलविदा कह दिया। इस टूट के बाद नगर निगमों के चुनाव व जनवरी में हुए जींद सीट के उपचुनाव में इनेलो की हालत बहुत खराब रही। हालांकि जींद में जजपा प्रत्याशी दिग्विजय चौटाला ने करीब 38 हजार वोट लिये थे। जींद उपचुनाव में इनेलो बुरी हालत के बाद ही बसपा ने गठबंधन तोड़ दिया था। अभय चौटाला ने भारतीय जनता पार्टी ;भाजपाद्ध से भी गठबंधन का असफल प्रयास भी किया।