पाकिस्तान को लेकर, प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को दिया करारा जवाब
June 13, 2019
बिश्केक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चीन से कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध तब तक नहीं सुधरेंगे, जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता। मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज हुई बातचीत में भारत.पाकिस्तान के संबंधों के बारे में भी चर्चा हुई। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शंघाई सहयोग परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के लिए किर्गिज़ राजधानी पहुंचे।
चीनी मीडिया में ऐसी ख़बरें थीं कि भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए, जो वर्ष 2016 से ही स्थगित है। चीन और पाकिस्तान प्रमुख रणनीतिक सहयोगी भागीदार और मजबूत मित्र हैं। विदेश सचिव विजय गोखले के अनुसार, पाकिस्तान को लेकर सर्वश्री मोदी और जिनपिंग के बीच संक्षिप्त चर्चा हुई और प्रधानमंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने याद किया कि उन्होंने इस संबंध में प्रयास भी किए थे और इन प्रयासों को पटरी से उतार दिया गया। उन्होंने कहाए श् पाकिस्तान को आतंक से मुक्त वातावरण बनाने की आवश्यकता है और इस स्तर पर हम ऐसा होते नहीं देखते हैं। हमें उम्मीद है कि वह ठोस कार्रवाई करेगा। पाकिस्तान से आई खबरों में कहा गया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले शुक्रवार को श्री मोदी को पत्र लिखकर दोनों देशों के बीच सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत का अनुरोध किया था।
श्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी के साथ अपनी बैठक को अत्यंत उत्साहवर्द्धक बताया और कहा कि वार्ता में भारत.चीन संबंधों के पूर्ण विस्तार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नोट किया कि दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक संपर्क में सुधार हुआ है और जिसका गहरे साझेदारी में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उस संदर्भ मेंए दोनों देश भारत में बैंक ऑफ चाइना शाखा खोलने और मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के मुद्दे जैसे लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने में सक्षम हैं।
श्री गोखले ने कहा कि व्यापार असंतुलन का मुद्दा भी वार्ता में सुलझा। प्रधानमंत्री ने बासमती चावलए चीनी और दवा उत्पादों के निर्यात के संबंध में चीन द्वारा विनियामक प्रक्रिया के सरलीकरण की सराहना की। भारत और चीन अगले साल 70 साल के राजनयिक संबंध पूरे होंगे। श्री गोखले ने कहा कि दोनों देश इस अवसर पर 35 आयोजन करेंगे।