मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायतों को लेकर, मुख्यमंत्री ने दिये सख्त निर्देश
July 10, 2019
लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि सभी नोडल अधिकरी अपने-अपने जिलों का निरीक्षण गंभीरता से करें और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लेकर निस्तारण किया जाए। योगी ने लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी भवन) में समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ बैठक करते हुए कहा कि सभी नोडल अधिकरी अपने-अपने जिलों का निरीक्षण गंभीरता से करें।
उन्होंने कहा कि आईजीआरएस पोर्टल और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लेकर निस्तारण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतों के निस्तारण का सत्यापन वह स्वयं आनलाइन करेंगे। शिकायतकर्ताओं से उनकी संतुष्टि की जानकारी करेंगे। फर्जी निस्तारण होने पर कार्यवाही भी ऑनलाइन करेंगे। योगी ने कहा कि आईजीआरएस पोर्टल और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायतों पर महज औपचारिकता के तहत निस्तारण न करें, बल्कि उसे गंभीरता से लेकर शिकायतकर्ता की संतुष्टि के मुताबिक निस्तारण करें क्योंकि “आम आदमी कभी झूठ नहीं बोलता।’’
उन्होंने कहा कि 75 जनपदों के निरीक्षण करने वाले नोडल अधिकारी रिपोर्ट बनाते समय कोई भी संकोच न करें। नोडल अधिकारी जनपद में निरीक्षण के साथ साथ पब्लिक और जनप्रतिनिधि से मिलें। उनसे फीडबैक लेकर प्रभावी कार्यवाही करें। वे अपने संबंधित जिले में समीक्षा बैठक के साथ साथ भौतिक सत्यापन और निरीक्षण का कार्य गंभीरता से करें, इसे महज औपचारिकता न बनाएं। योगी ने कहा कि केंद्रीय बजट को सभी विभाग के अधिकारी अध्ययन कर, उसके आधार पर राज्य की जनता की बेहतरी के लिए अपने-अपने विभाग की कार्ययोजना तैयार करें। इस कार्ययोजना के साथ अपने विभाग के मंत्री को लेकर दिल्ली में केंद्रीय अधिकारियों के साथ मीटिंग करें। उसकी एक प्रतिलिपि मुख्यमंत्री कार्यालय को मुहैया करवाएं, जिससे जरूरत पड़ने पर वे खुद केंद्रीय मंत्रियों व प्रधानमंत्री से बात कर सकें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 10 से 15 दिन में अपने-अपने विभाग की कार्ययोजना बनाकर केंद्र सरकार के अधिकारियों को सौंप दें। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग से संबंधित शिकायतों को लेकर आईजीआरएस पोर्टल और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन की हर महीने समीक्षा करें। जब अधिकारी जनपदों के निरीक्षण पर जाएं तो मौक पर इन शिकायतों का निस्तारण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के बजट की हर महीने समीक्षा करें। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लेकर सभी अधिकारी विभागीय व जनपद स्तर पर कार्ययोजना बनाएं, जिससे सूबे की अर्थव्यवस्था को बेहतर किया जा सके।