कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में लिखित उत्तर में बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में किसानों की संख्या घटकर 11 करोड़ 88 लाख रह गयी जबकि वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार देश में 12 करोड़ 73 लाख कृषक थे। श्री तोमर ने बताया कि केन्द्र सरकार कृषि कार्य को आकर्षक और अधिक लाभकारी बनाने के लिए अनेक योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कर रही है।
इनमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना,मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना,राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय खाद्य बाजार योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना,राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन,प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान,एकीकृत बागवानी विकास मिशन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सरकार ने अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत के ऊपर कम से कम 50 प्रतिशत के स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने का सिद्धांत अपनाया है। श्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा याेजना के अंतर्गत नामांकित किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2017-18 में यह संख्या पांच करोड़ 21 लाख किसान थी जो 2018-19 में बढ़कर पांच करोड़ 61 लाख हो गयी है।
श्री तोमर ने बताया कि केन्द्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अनुमानों के अनुसार वर्ष 2016-17 के लिए वर्तमान मूल्यों पर कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की ओर से सकल पूंजी निर्माण क्रमश: 64410 करोड़ और 279066 करोड़ रुपये है।
उन्होंने बताया कि किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी समिति की रिपोर्ट के अनुसार कृषि क्षेत्र में 2022-23 तक देश में किसानों की वास्तविक आय दोगुना करने के लिए अपेक्षित अतिरिक्त निजी निवेश 2015-16 के मूल्यों पर 78424 करोड़ रुपये है।