लखनऊ, योगी सरकार ने जरूरतमंद लोगो के लिए ये बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत शादी-समारोहों, होटलों और रेस्टोरेंट में बचे खाने को फेंका नहीं बल्कि सहेजा जाएगा। उन लोगों तक पहुंचाया जाएगा, जिन्हें दो जून की रोटी नसीब नहीं है। बचे खाने को इकठ्ठा करने का जिम्मा खाद्य एवं औषधि विभाग को सौंपा गया है, जो सामाजिक संगठनों की मदद से व्यापक स्तर पर मुहिम चलाएगा।
प्रदेश सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) को जुटाया गया है। कहा है, शादी-समारोहों के अलावा बड़े होटलों और रेस्टोरेंटों में अक्सर बड़ी मात्र में खाना बच जाता। वह व्यर्थ चला जाता है। शहर की सड़कों पर हजारों ऐसे लोग रात गुजारते हैं, जिनको भूखे पेट ही सोना पड़ता है। इस खाने को जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाए, ताकि उनका पेट भरा जा सके।
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश मिश्र का कहना है कि भारत सरकार ने होटलों और रेस्टोरेंट में बचने वाले खाद्य पदार्थो का बेहतर इस्तेमाल हो, इसपर काम शुरू किया है। होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन से संपर्क कर रहे हैं। बचे खाने का संकलन किया जाएगा। फिर इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए एनजीओ की मदद लेंगे।
सरकार भले गरीबों का पेट भरने के लिए अब चेती हो मगर कुछ संस्थाएं पहले से मददगार बनी हुई हैं। प्रसादम संस्था केजीएमयू, लोहिया और बलरामपुर अस्पताल में रोजाना एक हजार के करीब जरूरतमंदों को निश्शुल्क भोजन उपलब्ध कराती है। शुभ संस्कार समिति भी लंबे समय इस पुनीत कार्य में लगी है। संस्था ने रोटी बैंक की शुरुआत की है। स्कूलों के सहयोग से हर शनिवार को रोटी-सब्जी के पैकेट मंगाए जाते हैं।