लखनऊ, एकबार फिर यूपी पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है.
आज सुबह लखनऊ के एसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा को एक कॉल आती है जो लखनऊ के प्राग नारायण अपार्टमेंट से एक बुजुर्ग करते हैं. वह बतातें हैं कि मैं अपार्टमेंट 54बी नंबर फ्लैट से मुश्ताक बोल रहा हूं , मैं सीनियर सिटीजन हूं और बीपी का मरीज हैं. वह कहते हैं कि उनकी दवा खत्म हो गई है.
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इस कॉल के बाद एसीपी चिरंजीव अपनी गाड़ी लेकर निकल पड़ते हैं. वह सीधे सिविल अस्पताल पहुंचते हैं. इस दौरान एसीपी और उनकी टीम सोशल डिस्टेंस मेनटेन करते हुए दवा खरीदती है. इसके बाद एसीपी अपार्टमेंट पहुंचकर बुजुर्ग को फोन करते हैं तो मुश्ताक बाहर आते हैं। एसीपी उन्हे पर्चा और दवाएं देते हैं.
मुश्ताक दवा मिलते ही यूपी पुलिस के कायल हो जातें हैं. वह कहते हैं कि ये फरिश्ता ही हैं. एसीपी खुद घर चल कर आए हैं दवा देने. मैं बीपी का पेशेंट हूं. उन्होंने दवा लाकर मुझे दिया है. मेरे लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है?
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इसके बाद एसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा अपनी गाड़ी से लाउडस्पीकर निकालते हैं और लोगों से अनुरोध करते हैं कि सभी लोग अपनी बालकनी में आ जाएं. लोग बालकनी में आते हैं. इसके बाद एसीपी कोरोना वायरस के बारे में जानकारी देते हैं और बताते हैं कि आपको कोई समस्या हो तो आप 112 नंबर पर कॉल करिए या मेरे नंबर पर कॉल कीजिए. आपको घर पर इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. अपने-अपने फ्लैट की बालकनी में खड़े सभी लोग जोरदार ताली बजाकर यूपी पुलिस के इस अफसर को धन्यवाद देतें हैं.