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जातीय हिंसा की साजिश करने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई: आम आदमी पार्टी

लखनऊ ,आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कहा है कि पिछले कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश में जबरदस्त तरीके से जातीय आधार पर नफरत और हिंसा फैलाने का षड्यंत्र चल रहा है, जिसके सूत्रधार सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है।

श्री सिंह ने मांग की कि योगी सरकार के इस कृत्य की जांच कर उनके खिलाफ सख्त करवाई की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि दलित और पिछडो के खिलाफ आदित्यनाथ सरकार की ओर से छेड़े गए अत्याचार के नंगे नाच को को बंद कराया जाए।

राज्य सभा सांसद ने अपने पत्र में लिखा, “ ये षड्यंत्र यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्वयं रचा और कार्यन्वित किया गया है।” योगी सरकार प्रदेश में दलितों के साथ लगातार हो रहे हत्या और बलात्कार जैसी घटनाओ में समुदाय को न्याय देने की बजाय हत्यारो और बलात्कारियो का साथ दे रही है|

उन्होंने पत्र में हाथरस की घंटना का उल्लेख करते हुए लिखा है की हाथरस में एक दलित बेटी के गैंगरेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी जाती है। योगी सरकार बलात्कारियो के साथ खड़ी हो जाती है। इस घटना से दलित समुदाय में भारी आक्रोश है। जब गाजियाबाद में आक्रोशित दलित समुदाय के 236 लोग हिन्दू धर्म का त्याग कर देते है तब बीजेपी का एक विधायक उनको आईएसआई का एजेंट बता देता है। उन पर आतंकी संगठनो और दाऊद जैसे से पैसा लेकर धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगता है जो बीजेपी द्वारा बाल्मीकि और जाटव समुदाय का किया गया घोर अपमान है।

उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश में जातीय हिंसा हो सकती है। योगी प्रदेश में जातीय हिंसा करना चाहते है जिमसे उनके साथ तामाम तरह के आपराधिक तत्व दे रहे है|

उत्तर प्रदेश प्रभारी ने पत्र में लिखा है कि बलिया में एसडीएम और सीओ के सामने पिछड़े वर्ग के नेता जयप्रकाश पाल की बीजेपी नेता ने गोली मार हत्या कर दी। मामला पिछड़े वर्ग से जुड़ा था इसलिए योगी की पूरी सरकार हत्यारे को बचाने में जुट गई। सरकार की भूमिका से पाल समाज में भारी गुस्सा है। यह सब सोची समझी साजिश के तहत जातीय उन्माद और हिंसा फैलाने की साजिश के तहत किया जा रहा है।

आप सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने पत्र में प्रधानमंत्री से मांग की है कि योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जातीय हिंसा की साजिश में शामिल होने की जांच करवा कार्रवाई की जाए।