नयी दिल्ली, जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्रालय ने आदिवासी समुदायों की आमदनी बढ़ाने तथा युवाओं को रोजगार के उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन बाजार की बहुराष्ट्रीय कंपनी अमेजन के साथ एक करार किया है जिससे आदिवासी घरों में बने उत्पादों को वैश्विक स्तर उपलब्ध कराया जा सकेगा।
करार के अनुसार जनजाति सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राईफेड) के माध्यम ये आदिवासी क्षेत्रों होने वाली वनाेपज और हथकरघा उत्पाद अमेजन पर उपलब्ध होंगे। ट्राईफेड के अध्यक्ष प्रवीर कृष्ण ने कहा कि ट्राईफेड का उद्देश्य आदिवासी उत्पादों को घर घर पहुंचाना है जिससे आदिवासी समाज को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इसके लिए ट्राईब्स इंडिया के तहत ‘गो ट्राईबल’ अभियान शुरू किया गया है। इसमें आदिवासी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा।
केंद्रीय जनजातीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरोता ने ‘गो ट्राईबल’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए हस्तशिल्प समेत कई रचनात्मक उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराना होगा। इन उत्पादों की गुणवत्ता और मानकों पर विश्वास किया जा सकता है। इस अवसर पर ट्राईफेड के अध्यक्ष आर सी मीणा, और जनजातीय मामले के सचिव दीपक खांडेकर मौजूद थे।
ट्राईफेड एवं अमेजन के बीच करार के तहत आदिवासी उत्पाद लगभग 190 देशों में उपलब्ध होंगे और विश्व भर में निर्यात बाजार की स्थापना में सहायक होंगे। इस अवसर पर महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह के अंतर्गत ट्राइफेड ने खादी कुर्ता और जैकेट बाजार मं जारी किया है।
इसके लिए ‘आई एम’ खादी फाउंडेशन के साथ समझौता किया गया है। देश के विभिन्न हिस्सों के आदिवासी समाज द्वारा उत्पादित मडुआ, ज्वार, बाजरा, लाल चावल, शहद, लाख के उत्पाद, मसाले, कॉफी, चाय, हस्तनिर्मित साबुन आदि उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। शुरूआती दौरान में अमेजन के वैश्विक पोर्टल पर ट्राईब्स इंडिया ‘ट्राइब्स ऑफ इंडिया हेरिटेज कलेक्शन’ तथा ‘ट्राइब्स ऑफ इंडिया नेचरल कलेक्शन’ उपलब्ध करायेगा।
इसमें हस्तकरघा से बुने कपड़े, जैसे इकट्स, सिल्क और पश्मीना, आभूषण जैसे डोकरा और बंजारा, उपहार और बर्तन शामिल हैं। इसके अलावा तेलंगाना की कॉफी, उत्तराखंड के साबुन, कर्नाटक के मसाले आदि वेबसाइट पर मौजूद हैं।