देहरादून, बद्रीनाथ धाम के कपाट छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद शुक्रवार तड़के साढ़े चार बजे खोल दिये गये ।
मंदिर के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में धनिष्ठा नक्षत्र में खोले गए,लेकिन हर वर्ष कपाट खुलने के दौरान श्रद्धालुओं से भरा रहने वाला मंदिर का प्रांगण इस बार कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण खाली रहा और मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी समेत चुनिंदा 11 व्यक्ति ही मौजूद रहे । इस दौरान सामाजिक दूरी और मास्क पहनने जैसी सभी जरूरी एहतियाती कदम भी उठाये गये । इस बार सेना के बैंड की सुमधुर ध्वनि और भजन मंडलियों की स्वर लहरियां भी नहीं सुनायी दीं।
भगवान विष्णु को समर्पित इस धाम के खुलने के बाद मानवमात्र के रोग-शोक की निवृत्ति, आरोग्यता एवं विश्व कल्याण की कामना की गयी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से भगवान बद्रविशाल की प्रथम पूजा मानवता के कल्याण हेतु संपन्न की गयी ।
मंदिर को 10 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया था जो बिजली की रोशनी से जगमग होकर अनूठी आभा बिखेर रहा था। कपाट खुलने के बाद वेद मंत्रों की ध्वनियों से पूरी बद्रीशपुरी गुंजायमान हो गयी।
इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी के कहर का प्रभाव उत्तराखंड के चार धामों पर भी पड़ा है। बद्रीनाथ के कपाट खोल दिये गये हैं लेकिन आश्रम, दुकानें, छोटे-बड़े होटल, रेस्तरां और ढाबे बंद है।
बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाने की तिथि भी इस बार कोरोना वायरस के कारण 15 दिन आगे खिसका दी गयी थी । पहले कपाट 30 अप्रैल को खोले जाने थे । उत्तराखंड के अन्य तीन धाम पहले ही खोले जा चुके हैं । उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खोले गये थे, वहीं रूद्रप्रयाग जिले में भोले बाबा के धाम केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को खोले गये थे ।
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस वर्ष चार धाम यात्रा से अभी श्रद्धालुओं को दूर रखा गया है और केवल कपाट खोले गये हैं ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं और कामना की कि भगवान बद्रीविशाल विश्व को कोरोना वायरस मुक्त करेंगे ।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि लॉकडाउन के मद्देनजर सामाजिक दूरी सहित सभी प्रकार की सरकारी पराशर्मों का पूरा पालन किया गया ।