मुम्बई, कोरोना वायरस कोविड 19 के प्रकोप के साये में पिछले काफी दिनों से बड़ी उठापटक के बीच जारी शेयर बाजारों में मंगलवार को शुरुआती तेजी नजर आयी। काराेबार की शुरुआत में सेंसेक्स करीब 1100 अंक और निफ्टी 350 अंक ऊंचे खुले।
सोमवार को शेयर बाजारों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी थी और जब दोनों प्रमुख सूचकांक 10 प्रतिशत से ज्यादा टूटे कर बंद हुये थे। आज कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स कल के 25981.24 की तुलना में 27056़ 23 पर मजबूत हुआ और थोड़ा बढ़कर 27462.87 अंक तक चढ़ने के बाद बिकवाली के दबाव में आया। और फिलहाल 26789.26 अंक पर 800 अंक ऊपर है। निफ्टी वर्तमान में 7833.15 अंक पर 223 अंक ऊंचा है।
उल्लेखनीय है कि कल, कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ का देश में संक्रमण बढ़ने और इसके कारण कई राज्यों में लॉकडाउन के बाद घरेलू शेयर बाजारों में हाहाकार मच गया और बीएसई का सेंसेक्स 13 प्रतिशत से अधिक तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 11 प्रतिशत से ज्यादा की रिकॉर्ड गिरावट में बंद हुये जिससे निवेशकों के 14.22 लाख करोड़ रुपये डूब गये।
पिछले कारोबारी दिवस पर 29,9915.96 अंक पर बंद होने वाला सेंसेक्स 2,307.16 अंक की गिरावट में खुला और सुबह 9.57 बजे तक 10 फीसदी टूट गया। दस प्रतिशत टूटते ही बाजार में लोअर सर्किट लग गया और कारोबार 45 मिनट के लिए रोक दिया गया। दस दिन के भीतर यह दूसरा मौका है जब शेयर बाजार में लोअर सर्किट लगा है। इससे पहले 13 मार्च को भी लोअर सर्किट लगा था। दुबारा कारोबार शुरू होेने पर बाजार में कुछ तात्कालिक सुधार देखा गया। सेंसेक्स 27,900.83 अंक तक और निफ्टी 8,159.25 अंक तक पहुँच गया। लेकिन इसके बाद एक बार फिर बिकवाली बढ़ गयी।
कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स 3,934.72 अंक यानी 13.15 प्रतिशत की गिरावट में 25,981.24 अंक पर बंद हुआ। यह 26 दिसंबर 2016 के बाद का निचला स्तर है। निफ्टी अंतत: 1,014.20 अंक यानी 11.60 प्रतिशत की गिरावट में 7,731.25 अंक पर बंद हुआ जो 23 मई 2016 के बाद का निचला स्तर है। यह पहला मौका है जब दोनों प्रमुख सूचकांक 10 प्रतिशत से ज्यादा टूटे हैं। शेयर बाजार में इससे बड़ी गिरावट इसी वर्ष 12 मार्च को देखी गयी थी जब सेंसेक्स 8.18 प्रतिशत (2,919.26 अंक) और निफ्टी 8.30 प्रतिशत (868.25 अंक) टूट गया था। सेंसेक्स का आज का निचला स्तर 25,880.83 अंक और निफ्टी का निचला स्तर 7,583.60 अंक रहा।
शेयर बाजार में आज निवेशकों को 14,22,207.01 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और बीएसई का बाजार पूँजीकरण घटकर 1,01,86,936.28 करोड़ रुपये पर आ गया।