9 अगस्त को दलितों का फिर मोदी सरकार के खिलाफ भारत बंद, बीजेपी सांसदों- सहयोगी दलों का भी मिला समर्थन
July 27, 2018
नई दिल्ली, एक बार फिर से अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग ने नौ अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। सूत्रों के अनुसार, नौ अगस्त को देश भर के दलित सड़क पर उतरेंगे और ये दलित आंदोलन, 2 अप्रैल को हुए दलित आंदोलन से भी विशाल होगा । भारत बंद को बीजेपी सांसदों- सहयोगी दलों का भी समर्थन मिल रहा है।
देश मे दलितों के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचार, एससी-एसटी एक्ट में बदलाव लाने और उच्च शिक्षा संस्थानों में नियुक्ति के लिए नया रोस्टर, दलितों के खिलाफ आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस गोयल की एनजीटी के अध्यक्ष पद से बर्खास्तगी आदि मुद्दों को लेकर दलित एकबार फिर आंदोलन की राह पर हैं। इससे पहले दलितों ने, 2 अप्रैल को आंदोलन कर आक्रोश प्रगट किया था। 2 अप्रैल को भी दलित स्वाभाविक रूप से सड़क पर आए थे। बिना नेतृत्व और चेहरे के वह स्वत: स्फूर्त था। अब 9 अगस्त का आंदोलन भी बिना किसी नेता या संगठन के होगा जिसमे सोशल मीडिया का अहम रोल होगा।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी सरकारों की कई गलतियों के कारण, केंद्र और राज्य सरकारों की दलित विरोधी धारणा बनती जा रही है। मोदी सरकार के सहयोगी दल लोजपा के दलित सांसद चिराग पासवान ने कहा कि जस्टिस गोयल की एनजीटी अध्यक्ष के तौर पर हुई नियुक्ति दलितों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाली है। चिराग ने साफ तौर पर कहा कि अगर 8 अगस्त तक जस्टिस गोयल को नहीं हटाया गया, तो 9 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन होगा।
वहीं बीजेपी के दलित सांसद, उदित राज का कहना है कि ये बात तो सही है। कई बातें हैं जैसे आरक्षण और पदोन्नति में आरक्षण। जो मांग उठाता हूं उस पर विचार और अमल नहीं किया जाता। अगर मेरी मांगों पर विचार किया गया होता तो 2 अप्रैल का आंदोलन न हुआ होता। अब भी दलितों में गुस्सा है। वो लोग 9 अगस्त को फिर भारत बंद करने जा रहे हैं। इस बार प्रदर्शन और ज़्यादा उग्र होने की संभावना जताई जा रही हैं, जिसको देखते हुए सरकार को दलितों के मुद्दों पर संवेदन शीलता बरतने की आवश्यकता है।