सहारनपुर, लोकसभा चुनाव के लिये समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने संयुक्त चुनाव प्रचार का आगाज सहारनपुर के देवबंद से कर दिया।
यूपी मे महागठबंधन के तहत अपनी पहली चुनावी रैली करते हुए बीएसपी अध्यक्ष मायावती और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर जमकर हमला बोला।
दोनों ही नेताओं ने लोगों से अपील की है कि महागठबंधन का वोट बंटने न दें। एक ओर जहां मायावती ने कहा कि महागठबंधन की महारैली में उमड़ी भीड़ के बारे में जब पीएम मोदी को जानकारी मिलेगी तो वह घबराकर पगला जाएंगे और ‘सराब-सराब’ करने लगेंगे, तो वहीं अखिलेश ने कहा कि ‘सराब’ बताने वाले लोग खुद सत्ता के नशे में चूर हैं।
अखिलेश यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव को इतिहास बनाने का चुनाव बताया।उन्होने कहा कि यहां ऐसे भी नेता आए होंगे जो नफरत के अलावा कुछ नहीं बोले होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुंभ मेले के दौरान एक सफाईकर्मी के पैर धोने पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘टीवी पर पैर धोए जा रहे थे और जब पीछे मुड़कर देखा तो दलित भाइयों की नौकरी धो डाली।’
उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को बांटकर अंग्रेजों ने राज किया था, उससे ज्यादा देश और समाज को बांटने का काम बीजेपी के लोग हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों को नवरात्रि के दिन यह संकल्प करना चाहिए कि झूठ नहीं बोलेंगे।
गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में मिली जीत की मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी गठबंधन से घबरा गई है। उन्होंने लोगों से कहा, ‘एक भी वोट घटने न पाए, बंटने न पाए’।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा, ‘पहले हमारे बीच में चायवाला बनकर आ गए और हम लोगों ने अच्छे दिन, 15 लाख रुपये और करोड़ों नौकरियों का भरोसा कर लिया। इस बार चौकीदार बनकर आए हैं। मैं जनता को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि यही दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक चौकीदार की चौकी छीनेंगे।’