लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि विश्व नागरिकता का सपना देखने वाले समाजवादी विचारधारा के पुरोधा डाॅ राममनोहर लोहिया से देश की युवा पीढी दिशा और प्रेरणा पा सकती है।
डा लोहिया की 53वीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होने कहा कि डा लोहिया की विचारधारा हमेशा प्रासंगिक रहेगी। सामाजिक अन्याय और विषमता के विरूद्ध उनकी ‘सप्तक्रांति‘ की अवधारणा को अपनाते हुए सपा उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संकल्पित है।
श्री यादव ने कहा कि डा लोहिया ने भारतीय राजनीति, समाज और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर उसकी अच्छाइयों और बुराइयों पर उन्होंने हमेशा खुलकर बहस की और निर्भीकता से अपने विचार रखे। भारत की नई पीढ़ी को उनसे दिशा और प्रेरणा प्राप्त होगी। उनकी चिंतनधारा देश काल की सीमा में बंधी नहीं थी वे विश्व नागरिकता का सपना देखते थे।
उन्होने कहा कि डाॅ लोहिया ने सर्वप्रथम पिछड़ों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को समाज में सम्मान और पद दिए जाने पर बल दिया था और ‘सोशलिस्टों ने बांधी गांठ, सौ में पाएं पिछड़े साठ‘ का नारा दिया था। समाज के कमजोर वर्गो के लिए विशेष अवसर के सिद्धांत का उन्होंने निरूपण किया था। समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय की लड़ाई हमेशा से लड़ती चली आ रही है और समाजवादी सरकार में दलितों, वंचितो, पिछड़ों, महिलाओं तथा अन्य कमजोर वर्गो के हितों का पूरा ध्यान रखा गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार की साढ़े तीन वर्षों की उपलब्धि मंहगाई, भुखमरी, बेरोजगारी, अन्याय, अत्याचार है। वह महिलाओं तथा बच्चियों की इज्जत से खिलवाड़ कर रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था का संकट है। लोगों का जानमाल असुरक्षित है। अपराधी बेखौफ है। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में अव्यवस्था है। सत्ता का बुरी तरह दुरूपयोग हो रहा है। लोहिया ने इन्हीं हालात में जिंदा कौमों को पांच साल इंतजार न करने की सीख दी थी।