लखनऊ, उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव के दाैरान प्रत्याशी प्रचार के लिए कई अनाेखे तरीकाें काे अपना रहे हैं. यूपी के विधानसभा चुनाव में रोड शो और जुलूस की पाबंदियों के बीच प्रत्याशी असमंजस में हैं. ऐसे में वह अपने वोटरों को रिझाने के अजब-गजब तरीकों का इस्तेमाल कर रहें हैं.सोशल मीडिया पर जनता अपनी–अपनी राय जाहिर कर रही है तो कोई मजाक में ले रहा है तो कोई इसकी निंदा कर रहा है.
इसी बीच एक ऐसा प्रत्याशी सामने आया है जो अपने गले में जूतों की माला डालकर चुनाव प्रचार कर रहे है. निर्दलीय प्रत्याशी केशव देव अलीगढ़ शहर विधानसभा सीट से खड़े हैं, जिन्हें चुनाव आयोग ने जूते का चुनाव चिन्ह आवंटित किया है.
सपा से तीन बार के विधायक व एक बार के मंत्री रहे दयाशंकर वर्मा पर जालौन की उरई विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. दयाशंकर वर्मा ने प्रचार करने का ऐसा तरीका जो उनकी विधानसभा चुनाव में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रचार का यह नायाब अंदाज देख घरों के अंदर बैठे वोटर बाहर निकल आए. नेता जी घोड़े पर सवार दूल्हा बनकर अपना प्रचार कर रहे थे और उनके आगे कार्यकर्ता व समर्थक ढोल पर थिरकते हुए उनके समर्थन में वोट करने की अपील कर रहे है.
इन सब के बीच वाराणसी में चुनावी प्रचार का अनोखा रंग पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉ. आशीष जायसवाल घर-घर दस्तक देकर न सिर्फ पार्टी का प्रचार कर खुद के लिए वोट मांग रहे हैं बल्कि लोगो का चेकअप कर उन्हें चिकित्सीय परामर्श भी दे रहे हैं.चुनाव प्रचार के अपने इस अनोखे तरीके से डॉ आशीष जायसवाल पूरे शहर में चर्चा का विषय बने हुए हैं.
यूपी के फिरोजाबाद में यहां तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक निर्दलीय प्रत्याशी के प्रचार प्रसार का तरीका सबसे अलग और चौंकाने वाला है. नेताजी घर-घर जाकर वोट मांगते हैं, लेकिन फिरोजाबाद के निर्दलीय प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांगने के साथ-साथ लोगों से नोट मांगने का भी काम कर रहे हैं. उन्होंने खुद को जंजीरों में जकड़ रखा है और घर घर जाकर इसी हालत में लोगों से वोट मांगते हैं. फिरोजाबाद सदर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रामदास मानव मजदूर नेता हैं. मजदूरों की अलग-अलग समस्याओं को हल करने के मुद्दे को लेकर वह चुनाव मैदान में हैं.बेड़ियों में जकड़े इस प्रत्याशी का कहना है कि वह चूड़ी जुड़ाई श्रमिकों के नेता हैं. मजदूरों का शोषण हो रहा है. चूड़ी जुड़ाई मजदूरों की हालत खराब है. मजदूरों के हालात ठीक करने को लेकर ही वह चुनाव में उतर पड़े हैं.
ऐसे ही एक अनोखे प्रचारक कार्यकर्ता दिखे जिनके सर पर मोरपंखी का मुकुट रखा हुआ था. खुद को पिछड़े वर्गों का समर्थक बताते हुए ये सपा दल के प्रचार प्रसार के लिए यहाँ आये हैं. पिछले 40 सालों से सर पर यह मुकुट धारण कर ये कार्यकर्ता लालू प्रसाद यादव को अपना राजनीतिक गुरु मानता है.वासुदेव ने कहा कि लालू यादव के आदेशानुसार अबतक क़ई चुनावों में देश के अलग अलग राज्यो में प्रचार प्रसार करने जा चुके हैं. इसबार वाराणसी विधानसभा चुनाव में ये कार्यकर्ताओं के बीच उपस्थित हुए है. अपने अनोखे भेषभूषा की वजह से ये सभी के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं.
वही एक व्यक्ति जो नंगे बदन दिखाई दिया. उसने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव , उनकी पत्नी डिंपल यादव व सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के नामों के साथ-साथ उनके फोटो को पूरे बदन पर गुदवाया हुआ था. वह व्यक्ति बदन के आगे और पीछे गुदवा कर चुनाव प्रचार के लिए घूमता हुआ नजर आया, जो ना केवल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा, बल्कि समाजवादी पार्टी का अनूठे ढंग से प्रचार करता हुआ भी नजर आया.
वही एक ओर भारतीय अपना समाज पार्टी की उम्मीदवार पूनम सिंह ने बताया कि वे गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. जब उनसे सवाल किया गया कि वे किन मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं, तो उन्होंने धीरे से मुस्कुराकर पति की ओर देखा और चुप रहना ही बेहतर समझा. उनसे जब फिर सवाल किया गया, तो उनके पति मुद्दे गिनाते हुए अपना परिचय देने लगे और खुद को प्रत्याशी पति बताकर उनके सवालों का जवाब भी देने लगे. तिरंगे रंग की साड़ी पहनने पर उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रप्रेम है. जब उनसे राष्ट्रगान सुनाने या बताने के लिए कहा गया, तो वो चुप हो गईं और धीरे से वहां से खिसक लेने में ही उन्होंने अपनी भलाई समझी.
अभी तो यूपी विधानसभा चुनाव के मात्र दो चरण पूरे हुये हैं तब प्रचार के ये रंग दिखाई दियें हैं, सातवें चरण तक पहुंचते पहुंचते यूपी में चुनाव प्रचार के और कई अजब गजब तरीकों से हम आपको अवगत कराते रहेंगे।