लखनऊ, कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत चल रही एम्बुलेंस सेवाओं के कर्मचारी दिन रात काम करते हुए लोगों को सेवाएं दे रहे हैं। जिसके कारण 108, 102 और ए.एल.एस. सेवाएं जीवनदायिनी साबित हो रही हैं।
लखनऊ स्थित 108 व 102 सेवा के काॅल सेंटर और आगरा स्थित 108 यूपी वेस्ट सेवा के काॅल सेंटर में कर्मचारी 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं ताकि सभी जरूरतमंदों को आपातकालीन समय में एम्बुलेंस सेवा समय से मिल सके।
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उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था जीवीके ईएमआरआई के स्टेट हेड किशोर नायडू ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही एम्बुलेंस सेवाओं के कर्मचारी और इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर (काॅल सेंटर) कर्मचारी युद्धस्तर पर लोगों की सेवा के लिए दिन रात काम कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि महामारी के समय उनका योगदान बहुत बड़ा है। आपातकालीन सेवाओं में लगे सभी कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। कर्मचारियों की सुरक्षा के सभी उपाय किए गए हैं। काॅल सेंटर मेे कर्मचारियों के बीच की दूरी बढ़ा दी गई है।
दिव्यांग भी मुश्किल समय में दे रहे अपनी सेवाएं-
108 सेवा के काॅल सेंटर में बड़ी संख्या में दिव्यांग कर्मचारी भी सेवाएं देते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी दिव्यांग कर्मचारियों ने अवकाश नहीं लिया और वह रोजाना समय से आकर सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें अवकाश लेने के लिए कहा गया था लेकिन दिव्यांग कर्मचारियों ने कहा कि ऐसे मुश्किल समय में वे घर नहीं बैठ सकते और लोगों को
एम्बुलेंस सेवाएं दिलाने में अपना योगदान देंगे। करीब एक दर्जन दिव्यांग कर्मचारी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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एसे ही एक कर्मचारी कुलदीप, (दिव्यांग) का कहना है कि-
कोरोना महामारी के मुश्किल समय में लोग परेशान हैं ऐसे में मुझे लगा कि मैं घर कैसे बैठ सकता हूं। लोगों को एम्बुलेंस सेवा मिलने के लिए काॅल सेंटर को आज मेरी जरूरत है इसलिए मैं अपनी स्वेच्छा से काम कर रहा हूं। लोग घरों में हैं और मैं काम कर रहा हूं, मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है।
एक और दिव्यांग मनवीर, के अनुसार,
आने जाने में दिक्कत के कारण मुझे घर पर रहने को कहा गया था। मुझे पता चला कि लाॅक डाउन के कारण बहुत से लोग काॅल सेंटर नहीं पहुंच पा रहे हैं। ये जानते हुए मैं घर पर कैसे बैठ सकता हूं। इसलिए मैंने अपनी ड्यूटी जारी रखने का निर्णय लिया और ऐसे समय में लोगों की मदद करके अच्छा लग रहा है।
ईआरओ, निर्मल आर्या , का कहना है कि-
पहले डर लग रहा था लेकिन अब कोई डर नहीं है। हम लोग यहां 24 घंटे काम कर रहे हैं ताकि लोगों को समय से एम्बुलेंस मिल सके। ऐसे कठिन समय में लोगों की मदद करने का मौका मिलना भी सौभाग्य की बात है।
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