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लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह और ओवैसी के बीच हुईं तीखी झड़पें

नयी दिल्ली,  लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी संशोधन विधेयक पर चर्चा से लेकर मतविभाजन तक गृह मंत्री अमित शाह और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमिन के असदुद्दीन ओवैसी के बीच तीन बार झड़पें हुईं। इतना ही नहींए श्री ओवैसी की मांग पर ही एनआईए विधेयक पर मतविभाजन भी कराया गया।

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श्री ओवैसी ने जहां श्री शाह को कहा, आप गृह मंत्री हैं तो डराइए मत, मैं डरने वाला नहींए वहीं श्री शाह ने कहा कि वह डरा नहीं रहे हैं, लेकिन अगर जेहन में डर हो तो किया क्या जा सकता है। दोनों के बीच पहली झड़प तब हुई जब चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के सत्यपाल सिंह ने कहा कि हैदराबाद के एक पुलिस प्रमुख को एक नेता ने एक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका था और अधिकारी को धमकी दी थी कि यदि वह कार्यवाही आगे बढ़ाते हैं तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी, इस पर श्री ओवैसी अपने स्थान पर खड़े होकर कहा कि भाजपा सदस्य जिस निजी वार्तालाप का उल्लेख कर रहे हैं और जिनकी बातें कर रहे हैं वह यहां मौजूद नहीं हैं, क्या भाजपा सदस्य इसके सबूत सदन के पटल पर रख सकते हैं।

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सदन में मौजूद गृह मंत्री ने कहा कि जब द्रमुक सदस्य ए0 राजा बोल रहे थे तो श्री ओवैसी ने क्यों नहीं टोका क्या ऐसे मामलों में अलग-अलग मापदंड होना चाहिए, इस पर श्री ओवैसी ने कहा, आप गृहमंत्री हैं तो मुझे डराइए मत, मैं डरने वाला नहीं हूं। इस पर श्री शाह ने कहा कि किसी को डराया नहीं जा रहा है, लेकिन अगर डर जेहन में है तो क्या किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा, श्सुनने की आदत डालिए, ओवैसी साहब इस तरह नहीं चलेगा। दूसरी बार दोनों के बीच तब झड़प हुई जब श्री शाह चर्चा के बाद सदस्यों के स्पष्टीकरण का जवाब दे रहे थे। श्री ओवैसी ने समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव विस्फोट का मसला उठाते हुए कहा कि इस मामले में जांच एजेंसियां अपील क्यों नहीं कर रही है, क्या इन मामलों में सच्चाई सामने आयेगी।

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श्री ओवैसी अपनी सीट पर जोर-जोर से चिल्लाने लगे और एक संगठन विशेष का नाम ले रहे थे, जिसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। अध्यक्ष ने श्री ओवैसी की बात रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया। बाद में गृह मंत्री ने कहा, आपकी ये इच्छा भी पूरी कर देंगे।तीसरी झड़प उस वक्त हुई जब सदन में विधेयक पारित हो रहा था। विधेयक जब ध्वनि मत से पारित हो गया तो श्री ओवैसी ने इस पर मतविभाजन की मांग की। गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि वह स्वयं चाहते हैं कि मत विभाजन हो ताकि पता चले कि कौन आतंकवाद के खिलाफ है और कौन उसका समर्थक। हालाँकि कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सभी सदस्य विधेयक का समर्थन कर रहे हैं और इसलिए मत विभाजन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अंतत मतविभाजन कराना ही पड़ा।

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