अमित शाह ने माना, यूपी उपचुनाव में सपा-बसपा के साथ आने से हुई हार ….
March 25, 2018
लखनऊ, उत्तर प्रदेश उपचुनाव में मिली करारी हार के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जहां सपा और बसपा के बीच ऐन मौके पर बने गठजोड़ को जिम्मेदार ठहराया, तो वहीं यह भी कहा कि पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित की है और भाजपा 2019 में 50 फीसदी वोट पाने के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार है. उपचुनाव की तर्ज पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में धुर विरोधियों सपा और बसपा के गठजोड़ की संभावना से भाजपा का चुनावी गणित गड़बड़ाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, यह सरल नहीं है. मीडिया गोरखपुर और फूलपुर के नतीजों को लेकर खुश है. कांग्रेस की ओर से संसद परिसर में मिठाई बांटी गई कि हमने उपचुनाव में आठ सीटें खोई हैं.
लेकिन यह कोई नहीं कह रहा कि हमने उनसे 11 प्रदेश छीने हैं. कोई भी त्रिपुरा का नाम नहीं ले रहा, जहां दो हफ्ते पहले ही हमने भारी जीत हासिल की. उन्होंने कहा, उपचुनाव स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रख कर लड़े जाते हैं, हर स्थानीय चुनाव का अलग परिदृश्य होता है. लेकिन आम चुनाव में बड़े नेता और बड़े मुद्दे शामिल होते हैं. 2019 में भाजपा और एनडीए अधिक सीटें हासिल करेंगे.
अमित शाह ने योगी सरकार का एक साल पूरा होने पर उसके कामकाज की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सही दिशा में है. वहां जीरो भ्रष्टाचार है, किसानों की समस्याएं सुलझाई जा रही हैं, कानून व्यवस्था नियंत्रण में है. निवेश के लिए शिखर सम्मेलन किए जा रहे हैं. एनडीए से तेलुगूदेशम के अलग होने और शिवसेना के 2019 में बिना गठबंधन अकेले चुनाव लड़ने के संदर्भ में उन्होंने कहा, 2014 में कई नई पार्टियों ने हमारे साथ हाथ मिलाया था. 11 पार्टियां हमसे जुड़ीं थीं और इनमें से सिर्फ एक अलग हुई है. कर्नाटक चुनाव के बारे में उन्होंने कहा, हम कर्नाटक जीतेंगे. जिस तरह सिद्धारमैया राज्य को चला रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर सरकार विरोधी लहर काम करेगी. मोदी की अपार लोकप्रियता भी एक फैक्टर है.
लिंगायत समुदाय से जुड़े मुद्दे को कांग्रेस द्वारा उठाए जाने के बारे में उन्होंने कहा, लिंगायत समुदाय अच्छी तरह जानता है कि कांग्रेस ने 2013 में इस समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. अब वह इस मुद्दे को हवा दे रही है, क्योंकि वह जानती है कि विकास के नाम पर वह चुनाव नहीं लड़ सकती. उन्होंने राहुल गांधी के मंदिर, चर्च और मस्जिदों में जाने पर कहा कि वह गुजरात और हिमाचल में भी मंदिरों में गए थे, लेकिन क्या हुआ.
1967 के बाद कांग्रेस कभी 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने में सफल नहीं हुई है. हमने 50 फीसदी वोट गुजरात, हिमाचल और त्रिपुरा में हासिल किए. बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में 50 फीसदी से अधिक वोट पाना बड़ा जनादेश होता है. इन सवालों पर कि सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर स्थिति में बदलाव नहीं आया है और आतंकवादी लगातार भारत में घुसपैठ कर रहे हैं, शाह ने कहा, पाकिस्तान की हर गोली का जवाब भारत बम से देगा, यही एकमात्र समाधान है. हम गोली और बमों के बीच शांति वार्ता नहीं कर सकते.