लखनऊ, यूपी मे विधानसभा चुनाव जीतने के तुरंत बाद, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा के एक बूथ कार्यकर्ता के घर मे भोजन करके विपक्ष ही नही, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को भी चौंका दिया था। लोगों के मन मे यह संदेश बहुत अच्छी तरह बैठ गया था कि कर्मठ कार्यकर्ता की सही परख और सम्मान बीजेपी मे ही है और दलों मे तो कार्यकर्ताओं को केवल यूज किया जाता है। सरकार बनने के बाद नजर अंदाज कर दिया जाता है। साथ ही यह भी संदेश गया कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यूं ही नही चुनाव रणनीतिकार कहलातें हैं, उन्हे एक श्रेष्ठ जौहरी की तरह हीरे रूपी कार्यकर्ताओं की सही परख है।
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सोनू यादव गोमती नगर के जुगौली गांव के रहने वाले हैं और शुरू से ही बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। जुगौली यादव बाहुल्य गांव है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने बूथ कार्यकर्ता सोनू यादव का घर भोजन के लिये चुना था। अमित शाह के साथ, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा सहित कई मंत्री और विधायक भी सोनू यादव के घर पहुंचे थे। अमित शाह ने सभी के साथ सोनू यादव के घर मे जमीन पर बैठकर भोजन किया।
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इस घटना के बाद, सोनू यादव रातों- रात युवाओं मे हीरो बन गये। सोनू यादव से प्रेरणा लेकर कई युवा बीजेपी से जुड़े और बिना शोर मचाये एक कर्मठ कार्यकर्ता की तरह पार्टी के प्रचार प्रसार मे जुटें हैं। अमित शाह के सोनू यादव के घर भोजन करने की घटना को सात माह से अधिक हो गया है। लेकिन सोनू यादव की स्थिति मे कोई अंतर नही आया है। बात यहां खाली सोनू यादव की नही है बीजेपी मे एेसे कई कार्यकर्ता हैं जिन्होने प्रदेश मे बीजेपी सरकार बनवाने मे अथक परिश्रम किया। सरकार तो बन गई लेकिन कार्यकर्ता वहीं का वहीं है। इस बीच नेताओं, विधायकों, मंत्रियों की स्थिति बदल गई, लेकिन एेसे कार्यकर्ताओं की स्थिति मे कोई अंतर नही आया है।
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19 मार्च को योगी सरकार बनने के एक वर्ष पूरे होने जा रहें हैँ। योगी सरकार की पहली सालगिरह पर सरकार और भाजपा संगठन की ओर से जश्न मनाने की तैयारी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के 25 दिसंबर को जन्मदिन को भाजपा ने पूरे प्रदेश में सुशासन दिवस के रूप मे मनाया। अब क्या योगी सरकार की पहली वर्षगांठ को भाजपा बूथ कार्यकर्ता दिवस के रूप मे मनाकर अपने कर्मठ बूथ कार्यकर्ताओं का हालचाल पूछेगी और उन्हे सम्मानित करने का कार्य करेगी ? नही तो जरूर यह सवाल उठेगा-क्या अमित शाह को याद है, लखनऊ का बूथ कार्यकर्ता सोनू यादव ?
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