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दंगों के दौरान दुष्कर्म की शिकार महिला ने उठाया, प्रेरणादायी कदम

नयी दिल्ली, दंगों के दौरान दुष्कर्म की शिकार महिला ने एक प्रेरणादायी कदम उठाकर, समाज के सामने बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया है।

दिल्ली मे एक संवाददाता सम्मेलन मे, गुजरात दंगों केे दौरान दुष्कर्म की शिकार हुयी बिलकिस बानो ने  कहा कि उसे जो 50 लाख रुपये का मुआवजा मिला है उसका एक हिस्सा वह साम्प्रदायिक हिंसा की शिकार महिलाओं के न्याय पाने और उनके बच्चों की पढाई के लिए देगीं।

बिलकिस बानों ने  खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में अदालत का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उसे न्यायपालिका पर शुरु से विश्वास था।

न्याय पाने में 17 साल का समय लगा है लेकिन उन्होंने अपने जमीर, संविधान और न्यायपालिका पर भरोसा रखा है।

उन्होंने केन्द्रीय जांच ब्यूरो का भी शुक्रिया किया, जिसने दोबारा मामले की जांच की।

उन्होंने कहा कि एक औरत के रुप में वह दोबारा अपना जीवन गरिमा के साथ जीना चाहती है और मुआवजे की राशि से वह ऐसा कर पाएगी तथा अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिला पाएगी।

उन्होंने कहा कि वह मुआवजा की राशि का एक हिस्सा वह साम्प्रदायिक हिंसा की शिकार महिलाओं को न्याय दिलाने और उनके बच्चों की पढाई पर खर्च करेगी।

 उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार को बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये का मुआवजा, सरकारी नौकरी और आवास उपलब्ध कराने का आदेश दिया है ।