कोर्ट कचहरी से अर्नब गोस्वामी का नही छूट रहा पीछा, अब इस नये मामले में पहुंचे सुप्रीम कोर्ट ?

नयी दिल्ली, रिपब्लिक टीवी एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार के उच्चतम न्यायालय पहुंचने के एक दिन बाद मंगलवार को अर्नब ने अपने खिलाफ दर्ज नयी प्राथमिकी निरस्त करने की गुहार लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

अर्नब ने रज़ा एडुकेशनल वेलफेयर सोसायटी के सचिव इरफान अबुबकर शेख द्वारा अपने खिलाफ दो मई को दायर प्राथमिकी निरस्त करने का अनुरोध शीर्ष अदालत से किया है। श्री शेख ने मुंबई के उपनगरीय इलाका बांद्रा स्थित एक धार्मिक स्थल को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में अर्नब और न्यूज चैनल के दो अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है। अर्नब ने प्रज्ञा बघेल के माध्यम से शीर्ष अदालत में याचिका दर्ज की है।

इससे पहले कल महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके कहा है कि अर्नब शीर्ष अदालत से गिरफ्तारी से मिले संरक्षण का दुरुपयोग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि अर्नब अपने चैनल के कार्यक्रम के माध्यम से मुंबई पुलिस पर दबाव बना रहे हैं। उसका कहना है कि अर्नब गोस्वामी ने पुलिस नामक संस्था को अपमानित किया है और न्यायालय से अनुरोध है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे ताकि रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अपने अंतरिम संरक्षण का दुरुपयोग न कर सकें। वह जांच अधिकारियों को डराने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी करने और नफरत फैलाने वाले बयान देने के आरोप में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ छह राज्यों- महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर में कुल 16 प्राथमिकियां दर्ज करायी गयी हैं। अर्नब ने अपनी याचिका में प्राथमिकियों के आधार पर कोई भी दंडात्मक कार्रवाई किये जाने से पुलिस प्रशासन को रोकने और इन प्राथमिकियों को निरस्त करने की मांग पहले से ही कर रखी है, जिस पर उन्हें अंतरिम संरक्षण भी मिला हुआ है।

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