जम्मू, जम्मू.कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को विभाजित किये जाने के बाद प्रदेश में निर्माण और अन्य कामकाज करीब.करीब ठप हो जाने के कारण बेरोजगार हुये बाहरी कुशल कामगार एवं मजदूर अब अपने घरों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं।
राज्य का पुनर्गठन करने और अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद से कानून.व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर बाहरी मजदूर पलायन करने लगे हैं जिसके नतीजतन राज्य के विभिन्न हिस्सों में निर्माण और मरम्मत संबंधी कार्य प्रभावित होने लगे हैं। केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये इस ऐतिहासिक कदम के पश्चात कश्मीर घाटी से अब तक करीब 8ए000 बाहरी कामगार और मजदूर जम्मू पहुंच गये हैं। पलायन कर रहे कामगारों के मुताबिक वे जम्मू.कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त किये जाने के कारण वहां उपजे हालात को देखते हुए कश्मीर से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
इतना ही नहीए देश के विभिन्न हिस्सोें से रोजी.रोटी के खातिर जम्मू में आये कुशल एवं अकुशल श्रेणी के कामगार भी पलायन करने लगे हैं। कामकाज रुकने से परेशान हो रहे मजदूर अब अपने शहर की ओर प्रस्थान करने को विवश हो रहे हैं। ये मजदूर खासकर बिहारए उत्तर प्रदेशए ओडिशाए मध्य प्रदेश से आये हैं। जम्मू.कश्मीर में धारा 144 लागू होने से तमाम पाबंदियाें के मद्देनजर असामान्य हुये जनजीवन से कामगार काफी डरे हुये हैं आैर इसी कारण कामगार कुछ समय के लिये पलायन कर रहे हैं।
एक स्थानीय दुकानदार का कहना है कि उसने अपने व्यापार संबंधी कार्यों के लिये कामगार की काफी तलाश की लेकिन एक भी कामगार नहीं मिला। स्थानीय दुकानदार ने बताया कि कामगारों की कमी के कारण उसे काफी परेशान होना पड़ रहा है। एक अन्य स्थानीय निवासी अभय आनंद ने बताया कि गत सोमवार से लगी तमाम पाबंदियाें के मद्देनजर उसके घर का मरम्मत संबंधी कार्य भी अधूरा रह गया है।