नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने लीक से हटकर शुक्रवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद की सुनवाई शुरू की, जिसका मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया।
आम तौर पर सोमवार और शुक्रवार को नये मामलों की सुनवाई होती है।
शीर्ष अदालत ने भी इससे पहले अयोध्या विवाद की सुनवाई मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को करने का निर्णय लिया था, लेकिन कल की सुनवाई के दौरान उसने इसे शुक्रवार और सोमवार को भी जारी रखने का निर्णय लिया।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति अशोक भूषण तथा न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने जैसे ही आज सुनवाई शुरू की वैसे ही मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने इसका विरोध जताया।
श्री धवन ने कहा, “यदि सप्ताह के पांच दिन इस मामले की सुनवाई चलती है तो तैयारी का मौका पक्षकारों को नहीं मिलेगा।
यह निर्णय अमानवीय है और इससे अदालत को कोई मदद नहीं मिलेगी।
मुझ पर मुकदमा छोड़ने का दबाव भी बढ़ेगा।”
उनके इस विरोध पर न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, “हमने आपकी चिंताओं को दर्ज कर लिया है, हम आपको जल्द जानकारी देंगे।”
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान संविधान पीठ ने कहा था, “हम इस मामले की रोजाना सुनवाई करेंगे।
संविधान पीठ इस मामले को प्राथमिकता में रख रही है।
न्यायाधीशों को मुकदमे पर अपना ध्यान केंद्रित रखना होगा, क्योंकि इसका रिकॉर्ड 20,000 पृष्ठों में दर्ज है।
हमारा मानना है कि इससे दोनों पक्षों के वकीलों को अपनी दलीलें पेश करने का वक्त मिलेगा और जल्द ही इस पर फैसला आ सकेगा।”