नई दिल्ली,समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर आजम की गिरफ्तारी किसी बयान के लिए नहीं, बल्कि जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में हो सकती है.
पुलिस ने यह बात कही. रामपुर के अजीम नगर थाने में दर्ज आपराधिक मुकदमे के मुताबिक, आजम खां और उनके निकट सहयोगी पूर्व पुलिस उपाधीक्षक आलेहसन खान ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेज के आधार पर सपा नेता की करोड़ों की निजी परियोजना ‘मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी’ के लिए कई सौ करोड़ रुपये से अधिक की जमीन हड़प ली.
रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया, ‘छब्बीस किसानों ने कहा है कि आजम खां और आलेहसन ने अवैध रूप से उन्हें हिरासत में लिया और उनकी कई हजार हेक्टेयर जमीन हासिल करने के लिए जाली कागजात पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला. जब किसानों ने कागजात पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, तो उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया. रामपुर के तत्कालीन अंचल अधिकारी (सीओ) आलेहासन ने गरीबों की जमीन हड़पने में अपनी आधिकारिक हैसियत का दुरुपयोग किया. तथ्यों की पुष्टि होने के बाद हमने आजम खां के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है.’
सपा नेता के खिलाफ मामला उप्र के राजस्व विभाग द्वारा एक जांच के आधार पर दर्ज किया गया, जिसमें सभी प्रासंगिक दस्तावेजों की जांच की गई थी और किसानों के बयान दर्ज किए गए थे, जो मुख्य रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के हैं. रामपुर जिले के पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘राजस्व विभाग की मुख्य शिकायत के आधार पर आजम खां के खिलाफ 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए जाएंगे, क्योंकि इसमें जमीन के अलग-अलग हिस्से और अलग-अलग मालिक शामिल हैं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या आजम खां को गिरफ्तार किया जा सकता है, शर्मा ने कहा, “यह किसी भी समय हो सकता है. जांच जारी है.’ मामले से संबंधित प्राथमिकी (एफआईआर) में कहा गया है कि किसानों की जमीन हथियाने के अलावा, आजम खां ने कोसी नदी के किनारे 5,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने के लिए 2012 से 2017 के बीच कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपने पद का दुरुपयोग भी किया.
एक राजस्व अधिकारी ने कहा, ‘राजस्व रिकॉर्ड कथित रूप से जाली थे और कई सौ करोड़ रुपये की जमीन पर अवैध रूप से मोहम्मद जौहर अली विश्वविद्यालय द्वारा कब्जा कर लिया गया.’ राजस्व अधिकारी के अनुसार, नदी के किनारे की जमीन को धोखाधड़ी से कब्जाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेने का आजम खां के खिलाफ एक मजबूत सबूत है.