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ओपी राजभर पर आजम खान का बड़ा हमला- समाजवादी पार्टी एक विचारधारा, जो गया सो गया….

लखनऊ, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर विधायक आजम खां  ने बड़ा हमला किया। उन्होने कहा कि जो गया वो गया…।  ये विचार आज सपा नेता आजम खान ने कोर्ट से बाहर आकर रखे।

छजलैट के 14 साल पुराने हाईवे जाम और बवाल मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर विधायक आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम गुरुवार दोपहर एमपी-एमएलए स्पेशल मजिस्ट्रेट कोर्ट स्मिता गोस्वामी की अदालत में पेश हुए। दोपहर एक बजे आजम खां अपने बेटे व स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम के साथ कोर्ट पहुंचे और हाजिर हुए। आजम खान ने कोर्ट से बाहर आकर

सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके लिए अब सपा मे कोई जगह नहीं है। जो गया वो वापस नहीं आता। उन्होने कहा कि फूंक से चिराग नही बुझाये जाते हैं। समाजवादी पार्टी महज पार्टी नही एक विचारधारा है। बुलडोजर मुद्दे पर और कांवड़ियों पर हैलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा के मुद्दे पर उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ‘जन्म से अंधा नहीं हूं, हालात ने अंधा बना दिया है।’  उन्होंने कहा कि लुलु मॉल में नमाज पढ़ने वाले भी भाजपा के लोग थे और हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले भी भाजपा के लोग थे। ये लोग जनता को आपस में लड़ा कर तमाशा देखने का अवसर ढूंढते हैं।

छजलैट थाने के सामने 29 जनवरी 2008 को सपा विधायक एवं पूर्व मंत्री आजम खां की गाड़ी रोक कर पुलिस ने चेकिंग की थी। आरोप है कि चेकिंग के विरोध में आजम खां सड़क पर बैठ गए थे और हंगामा किया था। आस पड़ोस के जनपदों से भी सपा नेता उनके समर्थन में आ गए थे। इस मामले में आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम समेत नौ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। इस केस की सुनवाई एमएलए एमपी स्पेशल मजिस्ट्रेट कोर्ट स्मिता गोस्वामी की अदालत में चल रही है। बृहस्पतिवार को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई थी। इस दौरान कचहरी परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। आजम खान, अब्दुल्ला के अलावा राजेश यादव, नईम ऊल हसन, मनोज पारस, महबूब अली भी अपने बचाव में बयान देने के लिए हाजिर हुए। सपा नेता राजकुमार के हाजिर नहीं होने के कारण अन्य आरोपियों के भी बयान दर्ज नहीं हो पाए। सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। इकराम कुरैशी के गैर हाजिर होने की वजह से बयान दर्ज नहीं हो सके।