मुख्य न्यायाधीश रमेश रगनाथन तथा न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने मंगलवार को एकल पीठ के फैसले को पलटते हुे कहा कि तीसरे बच्चे के जन्म पर महिलाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी निवासी उर्मिला मसीह की याचिका पर 2018 में एक आदेश जारी कर मातृत्व अवकाश अधिनियम को अवैधानिक घोषित कर दिया था। राज्य सरकार ने विशेष याचिका के माध्यम से एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। सरकार की ओर से कहा गया कि संविधान का अनुच्छेद.42 ;चार नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है, जिसको लागू करने के लिए याचिका दायर नहीं की जा सकती।
युगल पीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार की विशेष अपील स्वीकार करते हुए एकल पीठ का आदेश निरस्त कर दिया। अदालत के इस आदेश के बाद अब राज्य की सेवाओं में कार्यरत महिलाओं को दो बच्चों के बाद मातृत्व अवकाश का लाभ नहीं मिलेगा।