नई दिल्ली, भूटान द्वारा भारत के लिये छोड़ा जाने वाला पानी रोक दिया गया है। यह खबर चीन और नेपाल का हवाला देते हुये चर्चा का विषय हो गई। लेकिन आखिर इसमे कितना दम है?
गुरुवार को समाचार मे आया कि चीन के दबाव में असम के करीब भूटान ने भारतीय सीमा पर सिंचाई के लिए पानी छोड़ना बंद कर दिया है। दरअसल, थिंपू में भूटान सरकार के अखबार के संपादक तेंजिंग लांगसांग ने विवादित बयान देते हुए कहा कि भूटान ने भारत की ओर जाने वाले सिंचाई के सारे पानी को रोक लिया है। उन्होंने कई ट्वीट करते हुए कहा कि हर साल भूटान असम के किसानों को पानी का रुख मोड़ने देता था, ताकि वह सिंचाई के लिए कुछ पानी जुटा सकें। लेकिन अब सीमाएं सील कर दी गई हैं। इस खबर का असर हुआ, सीमावर्ती असम के किसान घबरा गए।इससे सीमावर्ती 25 गांवों के हजारों किसानों पर संकट आ गया। सीमावर्ती क्षेत्र में भूटान और भारत के किसान इस सिंचाई प्रणाली का उपयोग वर्ष 1953 से करते आ रहे हैं।
लेकिन भूटान द्वारा भारत के लिए पानी छोड़ना बंद करने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। इस मुद्दे पर भूटान सरकार की ओर से सफाई भी दी गई है। भूटान के वित्त मंत्री ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘भूटान से भारतीय राज्य असम तक पानी रोका नहीं गया है। पानी का प्रवाह स्थानीय लोगों के साथ जारी है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सिंचाई के साधन उपलब्ध हैं। भारत के हमारे किसान मित्रों को दैफाम-उदलगुरी, समरंग-भंगातर, मोटोंगा-बोकाजुले और समद्रपोंगखार से पानी की निरंतर आपूर्ति की जा रही है।’
इस खबर का खंडन असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्णा ने भी किया। उन्होंने बताया, ‘भूटान के साथ असम के जिले का बॉर्डर है। भूटान के पहाड़ से जो नॉर्दन चैनल है, वहां पानी आता है खेतों के लिए। लेकिन लॉकडाउन होने के कारण वो जो चैनल साफ नहीं हो पाया था। वहां काफी पत्थर जमा हो गए थे, जिसकी वजह से पानी रुक गया था। ऐसे में जब हमने भूटान से बात की, तो इसके तुरंत बाद चैनल को साफ किया गया है। अब पानी खेतों में आना शुरू हो गया है। भूटान और भारत के बीच कोई समस्या नहीं है। इसलिए, उन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है जिनमें यह दावा किया जा रहा है कि भूटान ने भारतीय किसानों के खेतों में आने वाले पानी को रोक दिया है।
इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई कि भूटान की ओर से मरम्मत का काम चल रहा है, इसलिए पानी का सुचारू प्रवाह नहीं हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि भूटानी पक्ष की ओर से इस मुद्दे पर कहा गया है कि उनकी ओर से पानी नहीं रोका गया है। दरअसल, असम में पानी के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए चैनलों में मरम्मत का काम किया जा रहा है।