मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा राहुल गांधी पर सर्वोच्च न्यायलय के फैसले पर टिप्पणी करने को लेकर दायर किए गए आपराधिक मानहानि के दावे की सुनवाई के दौरान उक्त बातें कहीं।
शीर्ष न्यायलय ने कहा कि राहुल गांधी को इस मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से फिलहाल छूट दी जाती है। न्यायालय ने सुश्री लेखी के वकील मुकुल रोहतगी और राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया।
शीर्ष अदालत ने अपने दो पन्ने के फैसले में कहा, हम इस मामल में कथित तौर पर आरोपी को नोटिस जारी कर रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि सर्वोच न्यायलय को अवमानना मामले में केवल उनसे स्पष्टीकरण मांगने में ध्यान देना चाहिए। हालांकि सीजेआई गोगोई, न्यायधीश दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि वे इस मामले को लेकर राहुल गांधी को नोटिस जारी कर रहे हैं।
सुश्री लेखी के वकील रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी ने उच्चतम न्यायालय का नाम लेकर चौकीदार चोर है के लिए सही तरीके से माफी नहीं मांगी है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में राहुल गांधी के द्वारा दायर किए गए जवाब से संतुष्ट नहीं है।